देश के आर्थिक इतिहास में GST काउंसिल की 56वीं बैठक एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई। बुधवार शाम को कई वस्तुओं पर कर दरों में कमी और मुख्य दरों की संख्या घटाने का निर्णय लिया गया। लेकिन सबसे बड़ा बदलाव यह है कि काउंसिल ने आम नागरिकों के लिए अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को सरल और न्यायसंगत बनाया।
सामान्य नागरिक के लिए राहत
लंबे समय तक आम जनता ने सरकारी राजस्व बढ़ाने के लिए सीधे और अप्रत्यक्ष दोनों करों का बोझ उठाया। अब, GST काउंसिल ने अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं को सिर्फ दो मुख्य दरों – 5% और 18% में समेटा है। कुछ वस्तुएं शून्य करित होंगी और ‘सिन गुड्स’ और लक्जरी आइटम पर 40% कर लागू होगा।
दर rationalisation का विवरण
लगभग 440 वस्तुओं की दरें संशोधित की गई हैं:
- 12% से 5%: लगभग 60%
- 12% से 0%: 9%
- 28% से 18%: 7%
- 18% से 5%: 12%
इससे औसत वस्तुओं का कर दर लगभग 8-10% हो गया है।
उपभोक्ताओं और उद्योग के लिए लाभ
घरेलू उपयोग की वस्तुएं, खाद्य उत्पाद, वस्त्र, चमड़े के उत्पाद, दवाइयां, कृषि इनपुट्स और aspirational आइटम जैसे ACs, छोटी कारें और बाइक अब सस्ती होंगी। स्वास्थ्य बीमा पर कर 18% से शून्य करित किया गया है। लक्जरी वस्तुओं पर अधिक कर लागू रहेगा।
आर्थिक और राजस्व प्रभाव
मासिक वस्तुओं की कीमतों में कमी से मांग और निवेश बढ़ने की संभावना है। दरों में यह सुधार श्रम-गहन वस्तुओं के निर्यात में संभावित नुकसान को संतुलित करेगा। अनुमानित राजस्व हानि 48,000 करोड़ रुपये से 85,000 करोड़ रुपये तक है, लेकिन कर आधार बढ़ने से इसे संतुलित किया जा सकेगा। सभी राज्यों ने इस सुधार का स्वागत किया है।