Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी भारत में विशेष श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाने वाला त्योहार है। इस दिन लोग अपने घरों और मंदिरों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं और अपनी श्रद्धा अनुसार कुछ दिनों के लिए पूजा करते हैं। कुछ लोग डेढ़ दिन, कुछ तीसरे, सातवें या दसवें दिन गणेश विसर्जन करते हैं।
गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त
इस साल गणेश जी की स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:39 बजे तक है। इस समय पर पूजा करने से सभी कार्यों में सफलता और सुख-शांति की प्राप्ति मानी जाती है।
गणेश पूजा विधि
- स्नान और स्वच्छता: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
- सफाई: घर और मंदिर की अच्छी तरह सफाई करें।
- स्थापना: शुभ मुहूर्त में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें।
- पूजा सामग्री:
- पंचामृत
- जनेऊ
- हल्दी, चंदन, कुमकुम
- अक्षत, पीले फूल, फल
- धूप, दीप, वस्त्र
- दूर्वा और शमी के पत्ते
- भोग: बप्पा को मोदक और लड्डुओं का भोग लगाएँ।
- मंत्र जाप और आरती: परिवार सहित गणेश मंत्रों का जाप करें और आरती करें।
गणेश मंत्र
- वक्रतुण्ड महाकाय
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
2. एकदन्तं महाकायं
एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं।
विघ्नशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥
3. ॐ ग्लौम मंत्र
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र,वक्रतुंड,गणपति गुरु गणेश
ग्लौम गणपति,ऋदि्ध पति। मेरे दूर करो क्लेश।।
गणेश जी की आरती
आरती के दौरान निम्नलिखित गीत का पाठ किया जाता है…
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
इस प्रकार, गणेश चतुर्थी पर सही मुहूर्त और पूजा विधि अपनाकर आप अपने घर में सुख-समृद्धि और सुख-शांति ला सकते हैं।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचना के लिए है। इसे अंतिम सत्य या धार्मिक दावों के रूप में न लें। पूजा और उपाय करने से पूर्व अपने विवेक और परंपरा का पालन करें।