नई दिल्ली: फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की नवीनतम रिपोर्ट में केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की ऑनलाइन Mutual Legal Assistance (MLA) पोर्टल की तारीफ की गई है। इस पोर्टल ने मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मानकीकृत करने में मदद की है।
रिपोर्ट में ED और अमेरिका के Department of Justice (DOJ) की संयुक्त जांच को भी ‘बेस्ट प्रैक्टिसेज’ के तहत उल्लेख किया गया। यह जांच डार्कनेट आधारित फेंटेनायल सिंडिकेट से जुड़ी थी, जिसने वर्चुअल एसेट्स के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की थी।
रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में DOJ ने भारत सरकार से Mutual Legal Assistance Treaty के तहत सहयोग मांगा, ताकि दो भाइयों द्वारा चलाए जा रहे इस बड़े ड्रग ट्रैफिकिंग संगठन की जांच की जा सके।
जांच में पाया गया कि भाइयों के पास 8,500 से अधिक बिटकॉइन थे, जिनकी कीमत उस समय $150 मिलियन थी। इनका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग ट्रैफिकिंग के लिए किया जा रहा था। संगठन ने क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज और डार्क वेब प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से अपने एसेट्स और गतिविधियों को छुपाया।
अप्रैल और मई 2024 में किए गए छापों में 268.2 बिटकॉइन, जिसकी कीमत लगभग ₹130 करोड़ थी, जब्त की गई और ₹9.6 करोड़ के एसेट्स को अस्थायी रूप से अटैच किया गया।
FATF ने कहा, “यह मामला भारत और अमेरिका के अधिकारियों के बीच रियल-टाइम, क्रॉस-बॉर्डर सहयोग का मजबूत उदाहरण है। अमेरिकी अधिकारी भारत में जांच में शामिल हुए, जिसमें आरोपियों के इंटरव्यू भी शामिल थे, जिससे जांच में महत्वपूर्ण प्रगति हुई।”
इसके अलावा, गृह मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए मानकीकृत दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। रिपोर्ट में कहा गया, “ऑनलाइन MLA पोर्टल ने एक पूर्वानुमान योग्य और कानूनी रूप से अनुपालन प्रक्रिया स्थापित करके भारत की क्षमता बढ़ाई है, जिससे विदेशी देशों के साथ काम करने में देरी और गलतफहमी कम हुई है और कानूनी सहायता के अनुरोधों का समय पर और प्रभावी जवाब दिया जा सका।”