Etawah Kathavachak controversy: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में कथावाचक मुकुट मणि यादव से जुड़ा विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। कथावाचक पर अब खुद मुकदमा दर्ज हो गया है। वहीं दूसरी ओर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इटावा के SSP को जमकर फटकार भी लगाई है।
क्या है पूरा मामला?
22 जून को इटावा के दादरपुर गांव में कथावाचक मुकुट मणि यादव, संत सिंह यादव और उनके साथियों के साथ कथित रूप से ब्राह्मणों द्वारा मारपीट की गई थी। कथावाचक का आरोप है कि उन्हें जाति पूछकर अपमानित किया गया और फिर शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। एक महिला से नाक रगड़वाई गई और सबके सिर मुंडवा दिए गए।
अब कथावाचक पर मुकदमा दर्ज
इस मामले में नया मोड़ तब आया जब दादरपुर निवासी जयप्रकाश तिवारी की शिकायत पर थाना बकेवर में मुकुट मणि और संत सिंह पर धोखाधड़ी, जालसाजी और धार्मिक भावना भड़काने जैसे आरोपों में मामला दर्ज हुआ। एफआईआर भारतीय न्याय संहिता की धारा 299, 318(4), 319(2), 336(3), 338, और 340(2) के तहत दर्ज हुई है।
इसके साथ ही मुकुट मणि के दो आधार कार्ड सामने आने से भी विवाद और गहरा गया। एक में नाम “मुकुट मणि अग्निहोत्री” है, जबकि दूसरे में यादव बिरादरी दर्शाई गई है।
राजनीति का मिला तड़का
घटना के तुरंत बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कथावाचकों को लखनऊ बुलाकर उन्हें ढोलक, हारमोनियम और नकद आर्थिक सहायता दी। उन्होंने इसे वर्चस्ववाद का उदाहरण बताया और योगी सरकार पर संविधान विरोधी गतिविधियों का समर्थन करने का आरोप लगाया।
ब्राह्मण महासभा का विरोध
ब्राह्मण महासभा ने भी इस मामले में मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश अध्यक्ष अरुण दुबे ने एसएसपी से मुलाकात कर आरोप लगाया कि कथावाचकों ने झूठ बोलकर कथा की, महिलाओं से बदसलूकी की और धार्मिक भावनाएं भड़काईं। उन्होंने चेतावनी दी कि कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।
CM योगी की फटकार और पुलिस पर सख्ती
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 26 जून को अधिकारियों की बैठक में SSP इटावा ब्रजेश श्रीवास्तव को सख्त फटकार लगाई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जातीय हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। औरैया व कौशांबी जिलों के एसपी को भी इसी प्रकार फटकार लगाई गई है।