Uddhav Thackeray Election Commission Statemen. महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है क्योंकि शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा चुनाव आयोग को ‘पत्थर’ कहने वाले बयान पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कड़ा पलटवार किया है। अठावले ने कहा कि उद्धव ठाकरे कानूनी आधार पर बात नहीं करते और अपनी पार्टी की हार के लिए खुद को दोष देना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग को दोष देना उचित नहीं है, क्योंकि निर्णय कानूनी प्रक्रिया और स्पष्ट बहुमत के आधार पर लिया गया है।
अठावले ने कहा अगर उद्धव ठाकरे के पास दो तिहाई बहुमत होता तो उन्हें पार्टी का सिंबल और नाम मिलता। 56 में से 40 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ हैं, जो उन्हें दो तिहाई बहुमत देता है। इसलिए चुनाव आयोग को दोष देना सही नहीं है।
ठाकरे ब्रांड’ को खत्म करने की कोशिश: उद्धव ठाकरे
दूसरी ओर उद्धव ठाकरे ने ‘सामना’ को दिए इंटरव्यू में कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के साथ बीजेपी और चुनाव आयोग ‘ठाकरे ब्रांड’ को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा ठाकरे सिर्फ एक ब्रांड नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की, मराठी माणस की, हिंदू अस्मिता की पहचान है। इसे मिटाने की कोशिश करने वाले खुद मिट गए। जनता हमें पसंद करती है और हमारा अस्तित्व खत्म करना आसान नहीं है।
चुनाव आयोग को ‘पत्थर’ कहने का विवाद
उद्धव ठाकरे ने कहा चुनाव आयोग ‘पत्थर’ है। सिर्फ उस पत्थर पर सिंदूर लगाने से किसी को ‘शिवसेना’ नाम और धनुष-बाण चिह्न का अधिकार नहीं मिल जाता। अगर मैं चुनाव आयुक्त का नाम बदलकर पत्थर रख दूं तो क्या चलेगा? चुनाव आयोग को नाम और चिह्न बदलने का अधिकार नहीं है। भाजपा की नीति है देश को अशांत रखना, लेकिन लोगों को मूर्ख बनाकर नहीं रखा जा सकता।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर हमने संविधान के अनुसार कोई गलती नहीं की है तो चुनाव आयोग हमारा चिह्न भी नहीं छीन सकता। वोट प्रतिशत तो चिह्न तक ही सीमित है, नाम किसी और को नहीं दिया जा सकता।
राजनीतिक बयानबाजी के बीच महाराष्ट्र की राजनीति में बढ़ी चिंगारी
उद्धव ठाकरे और रामदास अठावले के बीच जारी यह बयानबाजी महाराष्ट्र के राजनीतिक वातावरण में और गर्माहट लाने वाली है। आगामी दिनों में इस विवाद का राजनीतिक रंग और गहरा होने की संभावना है।