Barabanki: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी ज़िले से शिक्षा तंत्र की संवेदनहीनता का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। बकरीद के अवसर पर जब स्कूलों में छुट्टी घोषित थी, तब भी एक सरकारी विद्यालय को जबरन खुलवाया गया और मासूम छात्रों से झाड़ू लगवाकर सफाई करवाई गई। इस घटना का वीडियो सामने आते ही स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।
थाना लोनी कटरा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले उच्च प्राथमिक विद्यालय दहिला में बकरीद की छुट्टी के दिन भी विद्यालय खोला गया। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि विद्यालय में लगभग एक दर्जन छात्रों को बुलाकर उनसे झाड़ू लगवाई गई और कूड़ा-कचरा फिंकवाया गया।
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो कैमरे में कैद हो गया, जिसमें छात्र स्कूल परिसर की सफाई करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में साफ नजर आता है कि बच्चे नंगे हाथों से कचरा उठा रहे हैं और झाड़ू लगाकर परिसर की सफाई कर रहे हैं। यह काम आमतौर पर सफाई कर्मियों के ज़िम्मे होता है, लेकिन यहां उसे छोटे-छोटे बच्चों से करवाया गया।
इस संवेदनहीन रवैये को लेकर स्थानीय लोगों और अभिभावकों में रोष व्याप्त है। उनका कहना है कि जिस दिन बच्चों को अपने परिवार के साथ त्योहार मनाना चाहिए था, उस दिन उन्हें स्कूल बुलाकर शारीरिक श्रम करवाया गया। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की तरफ से अब तक इस मामले पर कोई ठोस जवाब नहीं आया है।
यह घटना सिर्फ एक विद्यालय की लापरवाही नहीं, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र के उस चेहरे को उजागर करती है जहाँ बच्चों को शिक्षा देने के बजाय उनसे श्रम करवाया जा रहा है। ऐसे मामलों पर केवल खानापूर्ति करके जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता। जरूरत है कि शिक्षा विभाग इस संवेदनहीनता को गंभीरता से ले और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे, ताकि भविष्य में कोई बच्चा छुट्टी के दिन झाड़ू थामने पर मजबूर न हो, बल्कि किताबों और कलम के साथ अपना भविष्य गढ़ सके।