Diwali 2025: दिवाली का त्योहार मिठाइयों और खुशियों का प्रतीक है, जो इस साल 20 अक्टूबर, सोमवार को मनाया जाएगा। पूरे देश में जश्न का माहौल है, लेकिन यह पर्व जितना खुशियों भरा है, उतना ही जोखिम भरा भी हो सकता है। पटाखों से पर्यावरण में प्रदूषण की धुंध होती है, वहीं चोट या जलने का खतरा भी रहता है। इसके चलते कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
इसलिए दिवाली के दौरान सभी को सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि उनकी खुशियां बरकरार रहें। खासकर, गर्म कपड़े पहनें, धूल और धुएं से बचें, पटाखों को सावधानी से चलाएं और डॉक्टर द्वारा दिए गए दवाओं का नियमित सेवन करें। अब सवाल है, दिवाली के दौरान किन बीमारियों का खतरा सबसे अधिक बढ़ता है और इनसे बचाव कैसे करें?
दिवाली के दौरान किन बीमारियों का खतरा बढ़ता है?
पटाखों, धूपबत्तियों और जलते दीयों से निकलने वाला धुआं वायु प्रदूषण का कारण बनता है, जिससे श्वसन संबंधी समस्याएं (जैसे अस्थमा, खांसी, गले में जलन) हो सकती हैं। इसके अलावा, अत्यधिक खाने से पाचन संबंधी समस्याएं, तेज शोर से सुनने की क्षमता में कमी और आंखों में जलन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
दिवाली के दौरान बढ़ने वाली बीमारियां
- अस्थमा और ब्रोंकाइटिस
पटाखों से निकलने वाला धुआं वायु प्रदूषण बढ़ाता है, जिससे अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के लक्षण बिगड़ सकते हैं। धुआं हवा में हानिकारक गैसें जैसे PM2.5, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड छोड़ता है, जो अस्थमा को बढ़ा सकते हैं। - आंख और गले में जलन
दिवाली के दौरान प्रदूषण के कारण आंखों में जलन, खुजली और गले में खराश जैसी समस्याएं हो सकती हैं। - सांस लेने में परेशानी
प्रदूषण और धुएं से खांसी, घरघराहट, सांस फूलना और सीने में जकड़न जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इससे बुजुर्गों और बच्चों को विशेष रूप से परेशानी हो सकती है।