Digital Story: इस साल को बीतने में महज एक दिन शेष बचा हैं। ऐसे में हर कोई इस नए साल को लेकर एक्साइटेड हैं। वही साल 2024 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि AI…. इसकी खूब चर्चा रही। इसकी सबसे बड़ी वजह ये रही कि इसका किसी ने सही तो किसी ने गलत बखुबी इस्तेमाल किया। AI के जरिए डीपफेक वीडियो बनाकर अफवाह फैलाने का जाल भी देखा गया। जिसका लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी खूब इस्तेमाल गया और वो चर्चा का विषय भी रहा।
अफवाह फैलाई गई..
वैसे तो एआई का इस्तेमाल ज्यादातर हाई-प्रोफाइल लोगों को गलत तरीके से फंसाने के लिए ही किया गया, जिसका मकसद अफवाह फैलाकर भ्रांतियां पैदा करना था।
बड़े-बड़े नेता और सेलेब्रिटी हुए इसके शिकार
इसका शिकार नॉर्मल इंसानों के साथ ही बड़े-बड़े नेता और सेलेब्रिटी भी हुए। साल 2024 की शुरुआत एआई के जरिए बनाए गए क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर के डीपफेक से हुई थी, जिसमें उन्हें सोशल मीडिया पर फर्जी तरीके से एक गेमिंग एप का प्रचार करते हुए दिखाया गया था, जिसकी उन्होंने शिकायत भी दर्ज कराई थी।
अमिताभ बच्चन भी इसमें शामिल थे..
साथ ही डीपफेक के जरिए बॉलीवुड हस्तियों को भी निशाना बनाया गया। एक ऐसा ही डीपफेक वीडियो अमिताभ बच्चन का सामने आया था, जिसमें उन्हेें फर्जी तरीके से यौन स्वास्थ्य से जुड़े उत्पादों का प्रचार करते हुए दिखाया गया था।
ऑडियो का किया गया हेरफेर
ऐसे एक दो नहीं बल्कि कई हाई-प्रोफाइल मामले जो हमने चुनाव के दौरान दिखे, मसलन एआई-हेरफेर बॉलीवुड अभिनेताओं के मामले, जैसे रणवीर सिंह या आमिर खान, उनके ऑडियो को लेकर हेरफेर किया गया था। उनके ऑडियो के साथ छेड़छाड़ की गई ताकि ऐसा लगे कि वे एक खास राजनैतिक दल का समर्थन कर रहे थे जबकि वे ऐसा नहीं कर रहे थे।
राजनेताओं की बातचीत की रिकॉर्डिंग
इसके अलावा महाराष्ट्र चुनाव के दौरान वहां जो कुछ हुआ, वो मतदान के दिन से ठीक पहले हुआ था। वास्तव में, आधी रात के बाद से ये चार ऑडियो फ़ाइलें प्रसारित की जा रही थीं और जो आरोप लगाया जा रहा था वो ये था कि कम से कम उनमें से दो ऑडियो में महाराष्ट्र के प्रमुख राजनेताओं की बातचीत की रिकॉर्डिंग थीं। इसमें सबसे बड़ी चिंता की बात ये थी कि इन ऑडियो को ऐसे समय प्रसारित किया गया जब मतदान को कुछ ही घंटे बचे थे।
विपक्ष सरकार पर हमलावर
इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं के भाषणोें को भी एआई तकनीक के जरिए गलत ढंग से पेश करने चर्चाएं थी, क्योंकि इन डीपफेक वीडियो की वजह से विपक्ष सरकार पर हमलावर हुआ था।
डीपफेक की चुनौतियों से निपटने के लिए संघर्ष
इसके अलावा रश्मिका मंदाना हो आलिया भट्ट हो या हो कैटरीना कैफ..सभी डीपफेक की शिकार हुई। आज लगभग हर नेता हर राजनैतिक दल डीपफेक की चुनौतियों से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है। ऐसे में भारत के चुनाव आयोग जैसे चुनाव नियामक के नजरिए से ये और अधिक कठिन होता जा रहा है। लेकिन दूसरी ओर हमें ये भी तुरंत समझना होगा कि कानूनी ढांचे के अभाव के कारण ऐसा हो रहा है। देश में डीपफेक पर कोई विशेष कानून नहीं है। भारत में एआई पर कोई खास कानून भी नहीं है।
ऑनलाइन मामलों को लेकर सतर्कता बहुत जरूरी
हालांकि, भारत अभी तक एआई के जरिए बनाए जाने वाले डीपफेक फोटो, वीडियो या ऑडियो को रेगुलराइज करने के लिए कोई मजबूत कानूनी ढांचा नहीं बना पाया है। हालांकि भारत जैसे-जैसे नए साल में प्रवेश कर रहा है, ऑनलाइन मामलों को लेकर सतर्कता बहुत जरूरी है, खासकर उन चीजों को लेकर जिससे पब्लिक पर्सनालिटी जुड़ी हों।