ModiYogiMeeting. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली दौरे पर हैं और उनका यह दौरा केवल शिष्टाचार नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश बीजेपी संगठन में बड़े फेरबदल का संकेत माना जा रहा है। योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली पहुंचते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की। यह मुलाकात करीब एक घंटे तक चली, जिसमें उत्तर प्रदेश के राजनीतिक हालात, संगठन के अंदरूनी समीकरण और आगामी निकाय व लोकसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा हुई।
पीएम मोदी के साथ हुई बैठक में क्या हुआ?
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच यह बैठक बेहद गंभीर और रणनीतिक रही। खास तौर पर उत्तर प्रदेश बीजेपी में संगठनात्मक बदलाव और प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने संगठन में सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया, साथ ही 2027 के विधानसभा चुनाव और 2029 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए “लॉन्ग टर्म लीडरशिप प्लान” पर विचार रखने की बात कही गई।
जेपी नड्डा और अमित शाह से भी लंबी चर्चा
पीएम से मुलाकात के बाद सीएम योगी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पहुंचे। यहां दोनों के बीच करीब 45 मिनट तक बंद कमरे में मीटिंग हुई। इसके तुरंत बाद योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की। बताया जा रहा है कि अमित शाह के साथ बैठक में यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के चयन से लेकर संभावित नए संगठन मंत्री तक की चर्चा की गई।
प्रदेश अध्यक्ष को लेकर क्या बन रही है रणनीति?
सूत्रों की मानें तो पार्टी इस बार ब्रज क्षेत्र या पश्चिमी उत्तर प्रदेश से किसी सशक्त, समर्पित और जमीन से जुड़े चेहरे को आगे लाने की योजना पर काम कर रही है। इस बदलाव से पार्टी न केवल क्षेत्रीय संतुलन साधना चाहती है, बल्कि जातिगत समीकरणों को भी ध्यान में रखा जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष पद की रेस में फिलहाल तीन नाम सबसे आगे चल रहे हैं….
- लक्ष्मीकांत बाजपेयी – वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद, जिनके पास संगठनात्मक अनुभव की लंबी पारी है।
- सुब्रत पाठक – कन्नौज से पूर्व सांसद और युवाओं में लोकप्रिय चेहरा।
- धर्मपाल सिंह – संगठन में गहरी पकड़ रखने वाले और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पसंद माने जाते हैं।
किस ओर इशारा कर रही बैठकें?
यह भी बताया जा रहा है कि इन बैठकों में प्रदेश संगठन के अलावा आने वाले निकाय चुनावों, ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन, बूथ स्तर पर सक्रियता बढ़ाने, और मुस्लिम वोटबैंक को लेकर रणनीति पर भी गंभीर विचार-विमर्श हुआ है। बीजेपी नेतृत्व का मानना है कि 2024 में भारी जीत के बाद पार्टी को अब गवर्नेंस से लेकर ग्रासरूट तक अपनी पकड़ और मजबूत करनी होगी।
क्या होगा आगे?
दिल्ली में इन बैठकों के बाद अब संकेत मिल रहे हैं कि 2 से 3 दिनों में यूपी बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम घोषित किया जा सकता है। इसका औपचारिक ऐलान पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा होगा। सूत्रों का कहना है कि संघ की सहमति और योगी आदित्यनाथ की स्वीकृति के बाद ही नाम पर अंतिम मुहर लगेगी।