दिल्ली एयरपोर्ट अब दुनिया के उन चुनिंदा हवाई अड्डों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जहां सालाना 100 मिलियन (10 करोड़ से ज्यादा) यात्रियों को संभालने की क्षमता है। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) के संचालन वाले इस हब की क्षमता अब 109 मिलियन यात्रियों तक पहुंच चुकी है।
यह उपलब्धि मई 2023 में टर्मिनल-1 के पूरी तरह शुरू होने के बाद हासिल हुई। इस क्षमता के साथ दिल्ली एयरपोर्ट एशिया का दूसरा और भारत का एकमात्र एयरपोर्ट बन गया है जो इस क्लब में शामिल हुआ। इससे पहले केवल टोक्यो हानेडा एयरपोर्ट ही इस सूची में था।
अगर सरकार टर्मिनल-2 को फिर से बनाने और आधुनिक बनाने की मंजूरी देती है, तो दिल्ली एयरपोर्ट की कुल क्षमता बढ़कर 140 मिलियन यात्रियों तक पहुंच सकती है। फिलहाल यह प्रस्ताव विचाराधीन है।
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में दूसरा बड़ा एयरपोर्ट — नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) — इस साल नवंबर तक शुरू होने की उम्मीद है। इसकी शुरुआती क्षमता सालाना 12 मिलियन यात्रियों की होगी। यह एयरपोर्ट दिल्ली एयरपोर्ट पर बढ़ते दबाव को कम करने में मदद करेगा। दिल्ली एयरपोर्ट पहले ही 2024 में 80 मिलियन से ज्यादा यात्रियों को संभाल चुका है।
ओएजी (OAG) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया के जिन एयरपोर्ट्स की क्षमता 100 मिलियन से ज्यादा है, उनमें अटलांटा (125.48 मिलियन), दुबई (120 मिलियन), टोक्यो हानेडा (110 मिलियन), लंदन हीथ्रो (103 मिलियन) और डलास (102.9 मिलियन) शामिल हैं।
वैश्विक स्तर पर एयरपोर्ट्स के बीच प्रतिस्पर्धा तेजी से बढ़ रही है। इस्तांबुल एयरपोर्ट की मौजूदा क्षमता 90 मिलियन है, जो साल के अंत तक 120 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है और 2028 तक 200 मिलियन का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, सऊदी अरब का नया किंग सलमान इंटरनेशनल एयरपोर्ट 2030 तक 120 मिलियन और 2050 तक 185 मिलियन यात्रियों को संभालने का लक्ष्य बना रहा है।