देहरादून जिले में बादल फटने के कारण भारी तबाही मच गई है। कारलीगाढ़ ग्राम में जानलेवा मूसलधार बारिश के बाद डेढ़ दर्जन से अधिक दुकानें बह गईं। इसके अलावा, तीन से चार रिसॉर्ट और होटल भी बुरी तरह प्रभावित हुए। इस प्राकृतिक आपदा में दो लोग लापता हैं, जबकि राहत कार्यों में लगे एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन ने सौ से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया है।

बेली ब्रिज, जो बादल नदी पर बना था, अब पूरी तरह से बह गया है, और तीन अन्य पुल भी ढह गए। यह तस्वीर तबाही की कहानी बयां करती है, जो इलाके में खतरे की घंटी का संकेत है। एक ओर राहत का काम चल रहा है, तो दूसरी ओर यह सवाल उठता है कि क्या इन क्षेत्रों में संरचनाओं का निर्माण ठीक से हुआ था?

https://bharatsamachartv.in/wp-content/uploads/2025/09/WhatsApp-Video-2025-09-16-at-7.25.21-AM.mp4

देहरादून शहर भी भारी बारिश के कारण बेहाल है। IT पार्क में गाड़ियां बुरी तरह से फंसी हुई हैं, और बारिश के चलते नुकसान की भयावह तस्वीरें सामने आ रही हैं। सहस्त्रधारा पर्यटन स्थल में भी भारी नुकसान हुआ है। यहां के बादल फटने से हालात और भी बिगड़े हैं, जिससे प्रशासन की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। राहत और बचाव कार्य में NDRF, लोनिवि और अन्य स्थानीय एजेंसियां जुटी हुई हैं।

अब सबसे बड़ी चिंता टपकेश्वर मंदिर की स्थिति को लेकर है। तमसा नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है और मंदिर परिसर, गुफाएं पानी में डूब गई हैं। प्राकृतिक आपदा ने इस धार्मिक स्थल को भी अपनी चपेट में लिया है। प्रशासन को अब लोगों के फंसे होने की भी सूचना मिल रही है।

यह संकट, जो हर साल और गहरा होता जा रहा है, सवाल उठाता है कि क्या पहाड़ी इलाकों में संरचनाओं और बुनियादी ढांचे का निर्माण इस आपदा के लिहाज से सही तरीके से किया जा रहा है? क्या हम इस बार भी इस बड़ी आपदा से कुछ सीखेंगे, या फिर इसे सिर्फ एक और त्रासदी मान कर भूल जाएंगे?

16 September 2025 | UP News | Uttar Pradesh Ki Taja Khabar | Samachar | CM Yogi | Akhilesh |Politics

शेयर करना
Exit mobile version