Cough Syrup Death: कोई सिरप पीने से बच्चों की जान चली जाए….तो ऐसी दवा की जांच जरुर होनी चाहिए….जब कोई कफ सिरप बच्चों को दिया जाता तो….तो सोचना चाहिए क्या हम बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ तो नहीं कर रहे है….क्या ऐसी घातक दवाएं बच्चों को देने के लायक भी है….
हम इसका जिक्र इसलिए कर रहे है…क्योंकि कफ सिरप पीने से कुछ बच्चों की जिंदगी चल गई है…..उन बच्चों के परिवार वालों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है…..बच्चों को कफ सिरप की वजह से जिंदगी से ही हाथ धोना पड़ गया….
दरअसल, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत के मामलों ने स्वास्थ्य विभाग को चिंता में डाल दिया है। दोनों राज्यों में अब तक 11 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें 9 मौतें मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में और 2 मौतें राजस्थान में दर्ज की गई हैं। इन मौतों को संदिग्ध खांसी की सिरप से जोड़ा जा रहा है।
छिंदवाड़ा के परासिया क्षेत्र में वायरल फीवर से पीड़ित बच्चों की हालत लगातार बिगड़ रही है। हाल ही में 3 और बच्चों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 9 हो गई है। परासिया SDM शुभम यादव ने बताया कि जिले में करीब 1420 बच्चे सर्दी, बुखार और जुकाम से प्रभावित पाए गए हैं। इसके लिए विशेष प्रोटोकॉल बनाया गया है, जिसके तहत गंभीर मरीजों को तुरंत जिला अस्पताल रेफर किया जा रहा है।
अभी तक की जांच में सामने आया कि 9 में से 5 बच्चों ने Coldrif सिरप और एक बच्चे ने Nextro-DS सिरप का सेवन किया था। शुरुआती आशंका है कि दूषित सिरप ने किडनी फेलियर की स्थिति पैदा की। इसी कारण सभी निजी डॉक्टरों को एहतियात बरतने और संदिग्ध मामलों को सीधे सरकारी अस्पताल भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
राजस्थान के भरतपुर और सीकर जिलों में 2 बच्चों की मौत इसी तरह हुई, जहां सिरप सेवन के बाद किडनी फेलियर सामने आया।
NCDC ने की जांच शुरू
सरकार की नोडल एजेंसी राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने सिरप, पानी और दवाओं के नमूने एकत्र किए हैं। जांच के बाद रिपोर्ट राज्य औषधि विभाग को भेजी जाएगी। वहीं, CSIR-NEERI और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भी सैंपल टेस्ट हो रहे हैं।
फिलहाल स्वास्थ्य विभाग ने दवा कंपनियों और डॉक्टरों पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं और प्रभावित जिलों में मेडिकल टीमों को अलर्ट पर रखा गया है।