Voter List Dispute Bihar. विशेष मतदाता गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर देश की सियासत गर्म है। इस बीच कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डॉ. सैयद नसीर हुसैन ने केंद्र और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बिहार में लोगों को मतदाता सूची से बाहर निकालकर चुनावी जीत सुनिश्चित करना चाहती है।
महाराष्ट्र में जोड़कर, बिहार में हटाकर चुनाव जीतना चाहती है बीजेपी
डॉ. नसीर हुसैन ने कहा महाराष्ट्र चुनाव के दौरान अचानक कई वोटर जोड़े गए और बीजेपी को जीत मिली। अब वही पार्टी बिहार में लोगों को वोटर लिस्ट से हटाकर चुनाव जीतना चाहती है। इसका सबसे ज्यादा असर दलित, अल्पसंख्यक, पिछड़े और किसानों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि एसआईआर जैसे नियमों को इस मानसून में लागू करना सामाजिक रूप से अनुचित और गैर-व्यावहारिक है। बाढ़ग्रस्त बिहार में लोग दस्तावेज लेकर पहुंच भी नहीं सकते।
अन्य राज्यों में भी चलाया जाएगा अभियान, रोकना ज़रूरी
नसीर हुसैन का कहना है कि बिहार के बाद यही प्रक्रिया अन्य राज्यों में भी दोहराई जाएगी। इसलिए हम साफ कह रहे हैं कि इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए। विपक्षी दल एकजुट हैं और इसपर 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी होनी है।
जम्मू-कश्मीर पर कांग्रेस की दो-टूक: राज्य का दर्जा जल्द लौटे
इस दौरान उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे पत्र का ज़िक्र करते हुए जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग भी दोहराई। डॉ. नसीर हुसैन ने कहा यह देश के इतिहास में पहली बार हुआ जब एक राज्य को डिमोट कर केंद्र शासित राज्य बना दिया गया। पहले केंद्र शासित प्रदेश को राज्य बनाया जाता था। अब जब चुनाव का ऐलान हुआ है तो पीएम मोदी खुद भी राज्य का दर्जा लौटाने की बात कर चुके हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि मानसून सत्र में ही जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलना चाहिए।
एसआईआर को लेकर उठते सवाल 2024 के चुनावी मौसम की नई बहस का संकेत हैं। वहीं, जम्मू-कश्मीर की बहाली को लेकर कांग्रेस की सख्ती उसे संविधान और अधिकार की राजनीति में मजबूत स्वर देने की कोशिश मानी जा रही है।