महापर्व छठ की शुरुआत इस साल 25 अक्टूबर 2025, शनिवार से नहाए खाए के साथ होगी, जो 28 अक्टूबर 2025 संध्या अर्घ्य तक चलेगा। यह व्रत विशेष रूप से कठिन माना जाता है, और यदि आप पहली बार छठ व्रत कर रही हैं, तो कुछ खास नियमों और सावधानियों का पालन करना जरूरी है।
1. व्रत की शुद्धता बनाए रखें:
छठ व्रत के दौरान पवित्रता और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कोशिश करें कि घर और मंदिर की पवित्रता बनी रहे। विशेष रूप से प्रसाद बनाते वक्त साफ-सफाई का ध्यान रखें।
2. प्रसाद बनाने की सावधानी:
गांवों में मिट्टी के चूल्हे पर और शहरी क्षेत्रों में उसी गैस या चूल्हे का उपयोग करें, जो विशेष रूप से छठ पूजा में प्रसाद बनाने के लिए इस्तेमाल होते हैं। छठ के प्रसाद में किसी भी प्रकार के रासायनिक या असामान्य वस्तुओं का प्रयोग न करें।
3. तामसिक भोजन से परहेज:
छठ पूजा के चार दिनों के दौरान प्याज, लहसुन, मांसाहारी भोजन और मदिरा का सेवन करना वर्जित है। घर के अन्य सदस्यों से भी इस पर रोक लगवाएं, ताकि व्रत की शुद्धता बनी रहे।
4. विशेष बर्तनों का उपयोग:
प्रसाद बनाने के लिए नॉनवेज पकाने वाले बर्तनों का इस्तेमाल न करें और छठ पूजा में शीशे के बर्तनों से बचें। बांस के सूप और टोकरी का ही प्रयोग करें, क्योंकि ये छठ पूजा की पारंपरिक सामग्री मानी जाती हैं।
5. व्रत के दौरान ध्यान रखें:
पहले दिन नहाए खाए के दौरान, स्नान के बाद सफेद या साफ कपड़े पहनें और सात्विक भोजन (लहसुन-प्याज रहित) ग्रहण करें। इसके अलावा, चारों दिनों में जमीन पर सोने का आदत बनाएं, यह व्रत का हिस्सा है और इसे पूरी श्रद्धा से करना चाहिए।
छठ 2025 के तिथियाँ:
- नहाए खाए: 25 अक्टूबर 2025
- खरना: 26 अक्टूबर 2025
- संध्या अर्घ्य: 27 अक्टूबर 2025
- उषा अर्घ्य: 28 अक्टूबर 2025
यह व्रत शारीरिक और मानसिक रूप से कठोर होता है, लेकिन इसका महत्व और लाभ अपार होता है। इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ पूरी निष्ठा से रखें।








