Satya Pal Malik death: देश के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में आज निधन हो गया है। वह 77 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे।
सत्यपाल मलिक का राजनीतिक सफर काफी लंबा और प्रभावशाली रहा। उन्होंने जम्मू-कश्मीर, गोवा, बिहार और मेघालय जैसे राज्यों के राज्यपाल के तौर पर कार्य किया था।
वे अक्सर अपने बेबाक बयानों और जनहित के मुद्दों पर मुखर राय रखने के लिए चर्चा में रहते थे। खासतौर पर उन्होंने कृषि आंदोलन, भ्रष्टाचार और सरकार की नीतियों को लेकर कई बार सवाल उठाए थे। उनकी साफगोई और सिस्टम पर खुलकर टिप्पणी उन्हें एक अलग पहचान देती थी।
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के निधन पर AAP नेता संजय सिंह ने भावुक होते हुए लिखा, गुरु जी के लिए लोगों की आँखें नम थी, वो शख्स जिसने जंगलों में रहकर जनता की आवाज बुलंद की, समाज के दबे – कुचले , आदिवासियों को उनका हक़ दिलाया। उन्होंने अपने परिजनों और समर्थकों को अलविदा कह दिया। रांची स्थित शिबू सोरेन जी के आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया, ईश्वर उनकी पुण्य आत्म को अपने श्री चरणों में स्थान दे। ॐ शांति..
आज उनके निधन से भारतीय राजनीति के एक स्पष्टवादी और स्वतंत्र सोच वाले नेता का अंत हो गया। सत्यपाल मलिक उन गिने-चुने नेताओं में से रहे हैं जो सत्ता में रहकर भी जन सरोकारों की बात करते रहे। किसानों के हक़ में बोलना हो या किसी नीति की आलोचना… वो कभी पीछे नहीं हटे। उनका जाना भारतीय लोकतंत्र में विचारों की विविधता और निडरता की आवाज़ का कम होना है।