BJP Seva Parv. जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन करीब आता है, भाजपा हर साल की तरह इस बार भी 15 दिन लंबे ‘सेवा पर्व’ के आयोजन में जुटी है। यह मुहिम 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगी और इसके तहत रक्तदान शिविर, अस्पतालों में फल वितरण, सड़क सफाई और वृक्षारोपण जैसी गतिविधियाँ आयोजित की जाएँगी। भाजपा इस पहल को ‘सेवा पखवाड़ा’ या ‘सेवा पर्व’ के नाम से आयोजित करती है और यह प्रथा पिछले 11 वर्षों से चली आ रही है।

मोदी और ‘सेवा’ का राजनीतिक आयाम

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने राजनीतिक और व्यक्तिगत व्यक्तित्व में ‘सेवा’ को एक केंद्रीय विषय बना लिया है। 2014 से भाजपा ने इसे अपनी नीतियों और जनसंपर्क अभियानों का हिस्सा बनाया है। उदाहरण के लिए, ‘सेवा और समर्पण’ और ‘सेवा ही संगठन’ जैसे नारे इसे स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं को राशन, मास्क और दवाइयाँ वितरित करने के लिए कहा गया था, जो ‘सेवा ही संगठन’ अभियान का हिस्सा था।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तুহिन सिन्हा के अनुसार, मोदी पहले सुधारक नेता हैं और बाद में राजनेता। उनका हर अभियान समाज के कमजोर वर्गों की सेवा पर केंद्रित है।

प्रारंभिक जीवन और ‘मुख्य सेवक’ की पहचान

1970-80 के दशक में आरएसएस प्रचारक के रूप में मोदी ने ‘राष्ट्र मंदिर है और सेवा पूजा है’ के विचार को अपनाया। 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने खुद को ‘मुख्य सेवक’ कहा। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने खुद को ‘प्रधान सेवक’ कहा।

क्यों आयोजित किया जाता है सेवा पर्व?

भाजपा का उद्देश्य न केवल पीएम मोदी का जन्मदिन मनाना है, बल्कि सार्वजनिक सेवा के जरिए उनकी नेतृत्व शैली का सम्मान करना भी है। सेवा पर्व महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर समाप्त होता है, जिससे उनके मूल्यों को मोदी के नेतृत्व से जोड़ने का संदेश मिलता है।

यह अभियान भाजपा के लिए एक चुनावी तैयारी का मंच भी है, जहाँ सांसद, विधायक, स्थानीय नेता और स्वयंसेवक गाँवों, शहरों और स्कूलों-अस्पतालों तक पहुँचते हैं।

इस साल की विशेषताएँ

  • भाजपा युवा मोर्चा ‘नमो युवा रन’ का आयोजन 75 शहरों में करेगा, जिसमें हर स्थान पर 10,000 प्रतिभागी शामिल होंगे। मुख्य संदेशों में युवाओं में नशामुक्ति अभियान शामिल है।
  • जिला स्तर की कार्यशालाएँ 6-10 सितंबर के बीच आयोजित की गईं, जबकि मंडल स्तर की कार्यशालाएँ 11-13 सितंबर को होंगी।
  • 1,000 जिला अस्पतालों और मंडलों में रक्तदान शिविर आयोजित किए जाएंगे।
  • स्कूल, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, मंदिर, पार्क, नदी किनारे और विरासत स्थलों में सफाई अभियान चलाया जाएगा।
  • यह आयोजन 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन समाप्त होगा।

सेवा पर्व के माध्यम से भाजपा अपने जनसंपर्क अभियान में लोकप्रियता और राष्ट्रसेवा को जोड़कर राजनीतिक और सामाजिक संदेश देने का काम करती है।

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