सोमवार यानी आज से 18वीं लोकसभा की शुरुआत हो गई है। नए संसद में नवनिर्वाचित सांसदों के साथ आज सत्र का नजारा बड़ा ही दिलचस्प दिखा। मानों सिर्फ संसद ही नहीं बल्कि सांसदों का माहौल भी बदल चूका हो। विपक्ष की रणनीति से लेकर चाल – ढाल तक बदला हुआ था। इस दौरान विपक्ष वाली बेंच पर एक जोड़ी चर्चाओं का विषय बनी हुयी है। वो जोड़ी थी ‘यूपी के दो लड़के’ के साथ अवधेश यादव की।
दरअसल, आज जब सत्र शुरू हुआ तो विपक्ष वाली बेंच पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता और रायबरेली से चुने गए सांसद राहुल गांधी के साथ फैजाबाद लोकसभा सीट से सांसद अवधेश प्रसाद और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अग्रिम पंक्ति में बैठे नजर आए। इस नज़ारे के सामने आते ही सियासी गलितयारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। जानकारों का कहना है कि अखिलेश और राहुल के साथ अवधेश प्रसाद को बिठा कर गठबंधन एक तीर से दो निशाने लगा रही है।
पहला – बीजेपी को यह एहसास कराना कि वह जिस राम मंदिर और अयोध्या के मुद्दे पर सबसे ज्यादा मुखर थी, जनता ने उसे उसी मुद्दे पर सपा और कांग्रेस के अलायंस के सामने नकार दिया है।
दूसरा – अवधेश प्रसाद का दलित कैटेगरी से आना है। अवधेश पासी बिरादरी से आते हैं। ऐसे में उन्हें इस तरह आगे की पंक्ति में लाकर और इतना महत्व देकर ये दिखाने की कोशिश की जा रही है कि सपा दलितों को भी साथ लेकर चलती है। अब तक अखिलेश की पार्टी पर गैर-यादव ओबीसी और अन्य दलितों को महत्व नहीं देने का आरोप लगता आया है। ऐसे में अब अखिलेश यादव के इस कदम से बड़ा संदेश जाएगा। अब देखना ये होगा की यूपी में अखिलेश का ये नया पैंतरा क्या नया मोड़ लेकर आता है।