11 दिसंबर 1998 को थाईलैंड के लोकप्रिय अभिनेता और गायक रूआंगसाक लॉयचुसाक ने ऐसी त्रासदी का सामना किया था, जिसे भूल पाना किसी के लिए भी असंभव है। थाई एयरवेज फ्लाइट TG261, जो दक्षिण थाईलैंड में सूरत थानी एयरपोर्ट पर लैंडिंग की कोशिश कर रही थी, खराब मौसम के चलते एक दलदल में क्रैश कर गई। विमान में सवार 146 यात्रियों में से 101 की मौत हो गई, लेकिन रूआंगसाक चमत्कारिक रूप से बच निकले। वह सीट 11A पर बैठे थे।

अब, 26 साल बाद, जब 47 वर्षीय रूआंगसाक ने एयर इंडिया फ्लाइट AI171 के भीषण हादसे की खबर सुनी, तो उन्हें एक हैरान कर देने वाली बात पता चली। इस विमान में सवार 242 यात्रियों में से केवल एक व्यक्ति जीवित बचा — विशाल कुमार रमेश, और वह भी सीट 11A पर ही बैठा था।

AI171, एक बोइंग ड्रीमलाइनर, अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद तकनीकी खराबी के चलते क्रैश हो गया था। इस दुखद घटना में 241 लोगों की जान चली गई, लेकिन रमेश की जान बचने को ‘दूसरा चमत्कार’ कहा जा रहा है।

संयोग या संकेत?

47 वर्षीय रूआंगसाक ने जब यह खबर सुनी, तो वह स्तब्ध रह गए। उन्होंने कहा, “जब मुझे पता चला कि वह भी सीट 11A पर था, मेरे रोंगटे खड़े हो गए। यह केवल संयोग नहीं हो सकता। इसमें कोई गहराई जरूर है।”

रूआंगसाक ने एक इंटरव्यू में कहा, “मैं कांप गया जब मुझे पता चला कि वह भी उसी सीट पर था। यह कोई इत्तेफाक नहीं लग रहा, इसमें कोई गहरा संकेत जरूर है।”

क्या वाकई सीट 11A में कोई रहस्य छिपा है, या यह केवल एक संयोग है? सोशल मीडिया पर यह चर्चा जोरों पर है।

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