22 अगस्त को ड्रग विभाग और STF ने आगरा और लखनऊ में नकली दवा सिंडिकेट पर बड़ी कार्रवाई की थी। छापेमारी में लखनऊ के न्यू बाबा फार्मा और पार्वती ट्रेडर्स से जुड़े व्यापारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
व्यापारियों को मिला हाईकोर्ट से स्टे
नकली दवा कारोबार में नामजद विक्की कुमार और सुभाष कुमार को हाईकोर्ट से अरेस्टिंग स्टे मिल गया। इसके चलते ड्रग विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं। फरार व्यापारियों को पकड़ने के दावे के बावजूद विभाग उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सका।
दर्ज हुए कई मुकदमे
इस पूरे मामले में थाना कोतवाली में 3 और थाना एमएम गेट में 1 केस दर्ज किया गया था। छापेमारी की FIR में कई व्यापारियों के नाम शामिल थे।
71 करोड़ की दवाएं सीज
ड्रग विभाग ने जांच के दौरान 71 करोड़ रुपये की नकली दवाएं सीज की थीं। यह कार्रवाई पुडुचेरी और चेन्नई से नकली दवाओं की सप्लाई की सूचना के आधार पर की गई थी।
आगरा-लखनऊ बने सिंडिकेट का हॉटस्पॉट
जांच में यह खुलासा हुआ कि आगरा और लखनऊ इस नकली दवा सिंडिकेट के प्रमुख हॉटस्पॉट हैं। मामला वर्तमान में कोतवाली दवा बाजार से जुड़ा हुआ है।