HMPV Virus: कोरोना वायरस के बाद एक और श्वसन वायरस भारत में दस्तक दे चुका है, जिसका नाम है मानव मेटापन्यूमोवायरस (HMPV)। यह वायरस श्वसन पथ में संक्रमण का कारण बनता है और खासतौर पर शिशुओं, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों के लिए खतरनाक हो सकता है। इस वायरस का ट्रांसमिशन ह्यूमन टू ह्यूमन है, हालांकि अभी इसके प्रभाव का अध्ययन किया जा रहा है।
अस्पतालों में बढ़ी भीड़
चीन में HMPV के मामलों में अचानक वृद्धि देखी गई है, खासकर 14 साल से कम उम्र के बच्चों में। इसके कारण अस्पतालों में भीड़-भाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे कोविड-19 जैसी चिंताएं बढ़ रही हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि HMPV कोविड-19 जितना गंभीर खतरा नहीं है, क्योंकि यह एक ज्ञात वायरस है और इसके प्रति जनसंख्या में आंशिक प्रतिरक्षा मौजूद है।
सावधानी बरतने की जरूरत
भारत में भी कुछ HMPV के मामले सामने आए हैं, जिनमें कर्नाटक में दो शिशुओं में संक्रमण की पुष्टि हुई है। हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारी घबराने की आवश्यकता नहीं बता रहे हैं, लेकिन सामान्य श्वसन संक्रमणों के प्रति सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
HMPV से बचाव के उपाय…
हाथों की स्वच्छता: अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं या अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
संपर्क से बचें: बीमार व्यक्तियों के निकट संपर्क से बचें और भीड़-भाड़ वाले स्थानों में मास्क पहनें।
स्वच्छता बनाए रखें: खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकें और उपयोग किए गए टिश्यू को तुरंत नष्ट करें।
स्वस्थ जीवनशैली: संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद लेकर अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखें।
HMPV के प्रति जागरूकता बढ़ाएं
चीन में HMPV के मामलों में वृद्धि के बाद, भारत में भी स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस वायरस के प्रति जागरूकता फैलाने का काम शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि HMPV मौसमी वायरस हो सकता है, और इस पर घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि, श्वसन संबंधी लक्षण महसूस होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।