Digital Story: कांग्रेस नेता राहुल गांधी अचानक हाथरस पहुंच गए हैं. वह हाथरस की कथित रेप पीड़िता के परिजनों से मुलाकात करने पहुंचे हैं. राहुल गांधी का ये हाथरस का दौरा पूरे देश में चर्चा बन गया हैं. दरअसल यहां 4 साल पहले एक दलित बेटी की मौत ने प्रदेश और देश में सियासी तूफान खड़ा कर दिया था. ये सिर्फ मौत नहीं थी, बल्कि गैंगरेप करके दरिंदों ने मार डाला था…..गैंगरेप शब्द सुनने में ही खौफ भरा हैं.. सोचिए उस वक्त हाथरस ही नहीं बल्कि इस देश की बेटी पर क्या गुजरी होगी… वैसे आपको पता ही होगा भारत में जब किसी के घर बेटी पैदा होती हैं तो लोग यहीं कहते हैं.. लक्ष्मी आईं हैं… आखिर उस वक्त क्या वो लक्ष्मी नहीं थी… जब दरिंदों ने उस बेटी को अपनी हैवानियत का शिकार बनाया.. क्या उस हैवानों के घर उनकी खुद की बहन- बेटियां नहीं थी…
देश कहां था कहां आ गया
ये कोई पहली घटना तो नहीं हैं.. आखिर इस देश में प्रदेश में अपने खुद के घर में बेटियां कब सुरक्षित महसुस करेंगी… क्या उनकों जीने का हक नहीं हैं….. ये क्या.. कोलकाता का रेप -मर्डर केस भी आपको याद तो होगा ही…. यहां आर जी कर मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टर के साथ रेप कर उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी.. ऐसे एक दो नहीं बल्कि अनगिनत मामले हैं… ये अनगिनत मामले हैं रेप के गैंगरेप के.. देश कहां था कहां आ गया हैं… जहां कभी एक बेटी को लक्ष्मी बनाकार पूजा गया वही आज ऐसी दरिंदगी भारत जैसे देश को तो बिल्कुल शोभा नहीं देती…. सीबीआई ने इसे बलात्कार और हत्या बताकर अपनी चार्जशीट में 4 लोगों को आरोपी बनाया था, लेकिन अदालत ने 4 में से 3 आरोपियों पिछले साल कोर्ट ने ये कहकर जमानत दें दी कि मृतिका के परिवार के सदस्यों की बातों में आकर बलात्कार का आरोप लगाने की संभावना है.. ऐसे में अब परिवार न्याय की आस में दर -दर भटकने को मजबूर हैं…
4 आरोपियों में से 3 आरोपी बरी
अब बात कर लेते हैं… हाथरस के उस मामले की जिस मामले पर सियासत एक बार फिर गर्मा गई हैं.. दरअसल 14 सितंबर 2020…. जिस दिन दिल्ली के एक अस्पताल में युवती की मौत हो गई थी। तब यह मामला काफी सुर्खियों में रहा था। सितंबर 2020 में जब यह घटना हुई थी तब भी राहुल और प्रियंका इस युवती के परिजनों से मिले थे। वही हाथरस कांड के पीड़ित परिवार को सरकार ने सरकारी आवास तथा नौकरी देने की बात कहते हुए घोषणा की थी. लेकिन अभी तक नहीं मिला है. इन घोषणाओं को पूरी करने का मामला न्यायालय में अभी भी विचाराधीन है. और तो और इस केस में दो मार्च 2023 को कोर्ट का फैसला हो चुका है. विशेष न्यायालय एससी एसटी एक्ट की अदालत ने इस मामले में आरोपी 4 युवकों में से 3 को बरी तक कर दिया और एक आरोपी संदीप को आजीवन कारावास तथा ₹50 हज़ार जुर्माने की सजा सुनाई थी. इस फैसले के बाद से ही हाथरस पीड़िता का परिवार संतुष्ट नहीं है.
जान से मारने की कोशिश
वही इस मामले पर तब हाथरस पीड़िता की भाभी ने कहा था कि वह चारों की सजा पर ही संतुष्ट होंगें और मृतका की अस्थियों का विसर्जन भी तभी करेंगे. इस मामले में पीड़िता के परिजन इस फैसले को लेकर हाईकोर्ट में अपील कर चुके हैं. आपको बता दें कि 14 सितंबर 2020 को हाथरस के गांव में एक दलित युवती के साथ दरिंदगी हुई थी और उसे जान से मारने की कोशिश हुई थी. हालांकि इलाज के दौरान युवती ने 29 सितंबर 2020 को अपना दम तोड़ दिया था
डीएसपी और एसपी किए गए सस्पेंड
इतना ही नहीं 29 सितंबर को पीड़िता की मौत हो जाने के बाद हाथरस पुलिस प्रशासन ने उसके परिवार की मर्जी के खिलाफ रात में ही खुद मृतका का अंतिम संस्कार कर दिया था. उस दौरान उसके परिवारवालों को वहां जाने भी नहीं दिया गया था. जबरन दाह संस्कार कराने को लेकर प्रशासन निशाने पर था. गैंगरेप की शिकार दलित लड़की के पिता हो या भाई, चाचा हो या कोई अन्य रिश्तेदार, सब एक सुर से पुलिस पर जबरन दाह संस्कार कराने का आरोप लगा रहे थे. योगी सरकार ने इस पूरे मामले में लापरवाही बरतने के कारण हाथरस के डीएसपी और एसपी को सस्पेंड कर दिया था.
सरकारी आवास और सरकारी नौकरी की मांग
हालांकि अभी भी सीआरपीएफ की टुकड़ी रोजाना की तरह परिवार की सुरक्षा में रहती है. वही पीड़ित परिवार घटना के बाद से ही गांव के बाहर सरकारी आवास और सरकारी नौकरी की मांग कर रहा था लेकिन शासन की ओर से अभी तक परिवार को यह मदद नहीं दी गई है.
सरकार ने नहीं किए वादे पूरे
वही कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हाथरस दौरे के बाद चार साल बाद एक बार फिर यह मुद्दा सुर्खियों में आ गया है. दरअसल, खुद पीड़िता के पिता ने जुलाई में पत्र लिखकर राहुल गांधी से मांग की थी कि वो उनसे मिलना चाहते हैं. इसके अलावा एक दावा यह भी है कि पीड़ित परिवार का कहना है कि सरकार की तरफ से किए गए वादे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं. पीड़िता के पिता का कहना है कि 4 वर्ष से बेरोजगार हूं और सरकार की तरफ से किए गए वादे भी पूरे नहीं हुए. जिसके बाद आज राहुल गांधी हाथरस में रेप पीड़िता के परिवार से मिले. साथ ही राहुल गांधी ने दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से बंद कमरे में काफी देर तक बातचीत की.
सुर्खियों में रहने के लिए वहां जाते रहते हैं राहुल गांधी
इसके अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हाथरस दौरे को लेकर बीजेपी ने निशाना भी साधा. भाजपा का कहना हैं कि इससे पहले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी 24 नवंबर को संभल हिंसा में मारे गए पांच लोगों के परिवारों से मुलाकात किए थे. चाहे संभल हो या हाथरस, वह (राहुल गांधी) सिर्फ सुर्खियों में रहने के लिए वहां जाते रहते हैं, किसी और वजह से नहीं..
सरकार पीड़ित परिवार के साथ करें न्याय
हालांकि राजनीति हैं आरोप प्रत्यारोप के साथ ही बयान बाजी तो करते ही रहेंगे.. लेकिन एक बेटी के साथ गैंगरेप करके मार दिया गया … ये राजनीति का मुद्दा नहीं होना चाहिए.. सरकार को इस पर अभी भी गौर करना चाहिए… परिवार की जो भी समस्याएं हैं… उसका सरकार को समाधान निकालना चाहिए…