भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर कांग्रेस पार्टी राजधानी दिल्ली में न्याय यात्रा निकालने वाली है। दिल्ली कांग्रेस नेता राजधानी के सभी विधानसभाओं में यात्रा निकालेगी। इस बात की जानकारी कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने दी। इस न्याय यात्रा के पीछे का मकसद बताते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि राजधानी के लोगों की समस्याओं को पहचानने के साथ उनसे बातचीत करेंगे।
न्याय यात्रा का ये है मकसद
कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने सोमवार को कॉन्स्टिट्यूशन क्बल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर न्याय यात्रा की जानकारी दी। साथ ही इस यात्रा का लोगो, गीत और टी शर्ट लॉन्च किया गया। इस दौरान उन्होंने न्याय यात्रा अभियान के बारे में बताया कि पिछले 10 सालों में जनता की परेशानियों और किन समस्याओं से जूझ रहे हैं उसके बारे में बात करेंगे। इस न्याय यात्रा में दिल्ली इकाई के नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे। साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे न्याय यात्रा में शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की भी इस यात्रा में शामिल होने की उम्मीद है।
चार चरणों में आयोजित होगी यात्रा
देवेंद्र यादव ने बताया कि दिल्ली को चार हिस्सों में बांटकर सभी विधानसभाओं में न्याय यात्रा निकाली जाएगी। जोकि 8 नवंबर से राजघाट से शुरू होकर 4 दिसंबर को खत्म होगी। न्याय यात्रा का पहला चरण 8 नवंबर से शुरू होगी, जोकि एक सप्ताह तक जारी रहेगी। इस दौरान 16 विधानसभाओं को कवर किया जाएगा। वहीं दूसरा चरण 15 से 20 नवंबर के बीच आयोजित होगी, जिसमें 18 विधानसभा क्षेत्र शामिल है। जबकि तीसरा चरण 22 से 27 नवंबर के बीच होगी। इसमें 16 विधानसभा क्षेत्र के लोगों से बातचीत होगी। इसके अलावा चौथा और अंतिम चरण 29 नवम्बर से 4 दिसंबर तक रहेगा। जिसमें 20 विधानसभा क्षेत्र शामिल है।
केजरीवाल पर बरसे देवेंद्र यादव
कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने न्याय यात्रा की घोषणा के साथ अरविंद केजरीवाल की 11 साल की नाकामयाबियां गिनाई। उन्होंने कहा कि 2014 में जनता ने केजरीवाल को 68 सीटें और 2019 में 62 सीटें जिताकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। लेकिन उन्होंने लोकपाल नहीं लागू किया और जो वादे किए थे उसे पूरे नहीं किए। सरकार ने सिर्फ लोकतांत्रिक मर्यादाओं का हनन, कुशासन और भ्रष्टाचार किया है। ऐसे में दिल्ली में लोकसभा चुनाव साथ लड़ने वाली AAP और कांग्रेस की राहें विधानसभा चुनाव साथ लड़ने की सारी संभावनाओं पर विराम लग गया है।
दिल्ली में शून्य पर अटकी है कांग्रेस
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद दिल्ली में विधानसभा चुनाव भी हार गई। दिल्ली में कांग्रेस पार्टी 2014 से अब तक 3 लोकसभा और 2 विधानसभा चुनावों में शून्य पर रही है। ऐसे में एक बार फिर न्याय यात्रा निकाल कर पार्टी अपने वोटबैंक को मजबूत करने का प्रयास करेगी।