सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के साथ ही उत्तर प्रदेश की सियासत में एक और बड़ी कार्रवाई पर ‘निषेधाज्ञा’ लग गई है। कार्रवाई वही, जिसके लिए हाल-फिलहाल में प्रदेश की सरकार को जाना-पहचाना जाने लगा था। अपराधियों के खिलाफ जारी बुलडोजर एक्शन का बोलबाला इतना था की इस ऐक्शन को न सिर्फ देश भर में खूब चर्चा मिली बल्कि कई राज्यों ने भी इसे अपने यहां आजमाने की कोशिश की। अपने इसी एक्शन के चलते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाबा बुलडोजर के नाम से भी मशहूर हो गए। हालांकि, ‘बाबा के बुलडोजर पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना डंडा चला दिया।
दरअसल, कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए आगामी 1 अक्टूबर तक न सिर्फ यूपी बल्कि देश भर में बुलडोजर ऐक्शन पर रोक लगा दिया है। इस पूरे मामले पर कोर्ट ने टिपण्णी करते हुए कहा कि बिना अदालत की अनुमति के कोई भी सरकार किसी भी अपराधी के खिलाफ बुलडोजर ऐक्शन लागू नहीं कर सकती। हालांकि अवैध अतिक्रमण जैसी कार्रवाईयों में बुलडोजर के इस्तेमाल की छूट है लेकिन मुजरिमों के खिलाफ बुलडोजर से उनकी प्रॉपर्टी जमींदोज करने की कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दिया गया है। खैर अब जब मामला बाबा के बुलडोजर से जुड़ा है तो विपक्ष का इसपर हमलावर होना तो लाजमी था।
कोर्ट के इस आदेश पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रिएक्ट करते हुए योगी सरकार को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि, “न्याय के सर्वोच्च आदेश ने बुलडोज़र को ही नहीं बल्कि बुलडोज़र का दुरुपयोग करनेवालों की विध्वंसक राजनीति को भी किनारे लगा दिया है।
- आज बुलडोज़र के पहिये खुल गये हैं और स्टीयरिंग हत्थे से उखड़ गया है।
- ये उनके लिए पहचान का संकट है जिन्होंने बुलडोज़र को अपना प्रतीक बना लिया था।
- अब न बुलडोज़र चल पायेगा, न उसको चलवानेवाले।
- दोनों के लिए ही पार्किंग का समय आ गया है।
- आज बुलडोज़री सोच का ही ध्वस्तीकरण हो गया है।
अब क्या वो बुलडोज़र का भी नाम बदलकर उसका दुरुपयोग करेंगे? दरअसल ये जनता का सवाल नहीं, एक बड़ी आशंका है।
बता दें, सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन पर अंतरिम फैसले ने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को एक साथ 3 मुद्दों पर बड़ा पर झटका दिया है। पहला तो पार्टी की सियासी रणनीति को लगा है, जिसमें बुलडोजर के जरिए राजनीतिक नफा-नुकसान तय किया जा रहा था।
दूसरा पार्टी के उन नेताओं को लगा है, जो बुलडोजर के जरिए अपनी छवि सख्त प्रशासक के तौर पर बनाने में जुटे थे। इन नेताओं में सीएम योगी का नाम सबसे आगे है। और तीसरा झटका लगा है प्रशासनिक विफलता छिपाने वाले उन मुख्यमंत्रियों को, जो लॉ एंड ऑर्डर की विफलता से उपजे गुस्से को शांत करने के लिए बुलडोजर का उपयोग कर रहे थे।