तम्बाकू निर्यातकों ने सरकार से अनुरोध किया है कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए शुल्क वापसी योजना RoDTEP को इस क्षेत्र में भी लागू किया जाए।
तम्बाकू निर्यातक योजना को आगे बढ़ाने की मांग क्यों कर रहे हैं?
29 जून को हैदराबाद में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक में व्यापारियों ने बताया कि तम्बाकू निर्यातक किसी भी निर्यात प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत शामिल नहीं हैं।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “उन्होंने तंबाकू निर्यातकों को RoDTEP योजना के अंतर्गत शामिल करके उन्हें समर्थन देने का अनुरोध किया।”
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उन्होंने भारत में चबाने वाले तंबाकू के अनधिकृत उत्पादन और उपयोग को रोकने में भी सरकार से मदद का अनुरोध किया, जिसके कारण सरकारी खजाने को भारी नुकसान हो रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि अवैध सिगरेट की बिक्री में वृद्धि हुई है।
RoDTEP योजना क्या है?
निर्यातित उत्पादों पर शुल्कों और करों की छूट (आरओडीटीईपी) योजना, निर्यातकों द्वारा वस्तुओं के विनिर्माण और वितरण की प्रक्रिया में व्यय किए गए करों, शुल्कों और शुल्कों की वापसी का प्रावधान करती है, तथा केंद्र, राज्य या स्थानीय स्तर पर किसी अन्य तंत्र के तहत इसकी प्रतिपूर्ति नहीं की जाती है।
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बैठक में गोयल ने बताया कि गैर-निर्मित तम्बाकू और तम्बाकू उत्पादों का निर्यात मूल्य सभी रिकॉर्डों को पार कर गया है। ₹12,005.80 करोड़ (1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर)
तम्बाकू किसानों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है?
प्रतिभागियों ने तम्बाकू उत्पादन में तम्बाकू किसानों के सामने आने वाली समस्याओं जैसे कि श्रमिकों की कमी, कृषि मशीनीकरण के लिए सहायता की कमी, सल्फेट ऑफ पोटाश (एसओपी) उर्वरक की उच्च लागत, अधिक तम्बाकू उत्पादन पर जुर्माना, तम्बाकू खलिहानों के लिए ईंधन की बढ़ी लागत आदि पर भी प्रकाश डाला तथा सरकार से आवश्यक तकनीकी/वित्तीय सहायता की मांग की।
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उन्होंने तम्बाकू किसानों और उद्योग के मुद्दों के समाधान का आश्वासन दिया है।
गोयल ने कहा कि इस वर्ष किसानों द्वारा उत्पादित अतिरिक्त तम्बाकू पर जुर्माना माफ करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पंजीकरण की वैधता अवधि को एक वर्ष से बढ़ाकर तीन वर्ष किया जाएगा।
आगामी सीजन में यह सभी तम्बाकू किसानों के लिए उपलब्ध होगा।