हरियाणा के रोहतक जिले में सोमवार को एक दुखद और चौकाने वाली घटना सामने आई। साइबर सेल में तैनात सहायक उप निरीक्षक (ASI) संदीप लाठर ने अपनी सेवा पिस्टल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने पूरे पुलिस विभाग में हड़कंप मचा दिया। मृतक के पास से तीन पेज का सुसाइड नोट और एक वीडियो संदेश भी बरामद हुआ है, जिसमें उन्होंने आईपीएस अधिकारी IPS पूरन कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
सुसाइड नोट में संदीप ने लिखा कि आईपीएस वाई पूरन कुमार भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और उनके खिलाफ कई ठोस सबूत मौजूद हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी ने सिस्टम को जातिवाद के सहारे नियंत्रित कर रखा है और ईमानदार अधिकारियों को परेशान किया जा रहा है। संदीप ने लिखा कि गिरफ्तारी के डर के चलते उन्होंने यह कदम उठाया, लेकिन अपनी मौत से पहले न्याय की मांग कर रहे हैं।
सुसाइड से पहले संदीप ने चार पेज का विस्तृत नोट लिखा और वीडियो मैसेज रिकॉर्ड किया। अपने नोट में उन्होंने स्पष्ट किया कि वह अपनी शहादत देकर भ्रष्टाचार और जातिवाद की जांच की मांग कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि इस भ्रष्टाचार में शामिल परिवार को कोई राहत न मिले।
संदीप ने अपने नोट में यह भी लिखा कि वह हमेशा सच्चाई और ईमानदारी के साथ खड़े रहे। उन्होंने अपने परिवार का उदाहरण देते हुए बताया कि उनके दादा और छोटे दादाजी सेना में थे और देश के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि देश और समाज से बड़ा कुछ नहीं होता। इसके अलावा, उन्होंने डीजीपी शत्रुजीत कपूर को ईमानदार और निडर अधिकारी बताया, जबकि IPS वाई पूरन कुमार को भ्रष्टाचार में लिप्त बताया।
सुसाइड नोट में एएसआई ने कहा, “मैं अपनी शहादत देकर भ्रष्टाचार और जातिवाद की जांच की मांग कर रहा हूं। इस भ्रष्टाचारी परिवार को छोड़ा न जाए।” उनके सहकर्मियों ने बताया कि संदीप पिछले कुछ दिनों से तनाव में थे और दफ्तर में कम बातचीत करते थे।
घटना के बाद रोहतक पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारी बता रहे हैं कि सुसाइड नोट और वीडियो की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी। आरोपों की सच्चाई की पुष्टि होने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
रोहतक पुलिस के एसपी सुरेंद्र बोहरिया ने कहा, “एएसआई संदीप लाठर एक मेहनती और ईमानदार अधिकारी थे। यह हमारे लिए बहुत दुखद है। हमें सूचना मिली कि एक शव पड़ा हुआ है, जिसके बाद फॉरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया गया। इस समय कुछ कहना मुश्किल है, क्योंकि वह हमारे लिए परिवार के सदस्य जैसे थे।”