रामपुर में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खां के बीच महत्वपूर्ण मुलाकात हुई। यह मुलाकात आज़म खां की जेल से रिहाई के बाद पहली बार हुई, जो कि राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम मानी जा रही है। अखिलेश यादव ने इस मुलाकात को लेकर कई महत्वपूर्ण बयान दिए और भाजपा पर तीखा हमला किया।
अखिलेश यादव ने कहा कि आज़म खां पर लगाए गए सभी झूठे मुकदमे वापस होंगे और इन मामलों को खत्म करने की जिम्मेदारी उनकी सरकार आने के बाद पूरी होगी। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने जानबूझकर आज़म खां और उनके परिवार को परेशान किया और झूठे मुकदमे लगाए। अखिलेश ने यह भी कहा कि भाजपा इन झूठे मुकदमों के साथ गिनीज़ बुक ऑफ रिकॉर्ड्स बनाने जा रही है।
अखिलेश यादव के प्रमुख बयान-
आज़म खां साहब पर लगे सारे झूठे मुकदमे वापस होंगे। अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद आज़म खां पर लगाए गए झूठे मुकदमे समाप्त होंगे। अखिलेश यादव ने भाजपा की नीतियों पर तीखा हमला करते हुए कहा कि आगामी चुनावों में जनता उन्हें सत्ता से बाहर कर देगी। अखिलेश ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने आज़म खां और उनके परिवार को अत्यधिक परेशानी में डाला है। उन्होंने कहा कि आज़म खां सपा के सबसे पुराने और अहम नेता हैं, और पार्टी में उनका बहुत बड़ा योगदान है।

आपको बता दें कि अखिलेश ने यह भी कहा कि सपा और आज़म खां का रिश्ता बहुत पुराना है, और पार्टी हमेशा उनके साथ खड़ी रहेगी। अखिलेश ने यह विश्वास जताया कि 2027 के चुनावों में समाजवादी पार्टी सत्ता में आएगी और राज्य में सपा की सरकार बनेगी। अखिलेश ने कहा कि वह और आज़म खां मिलकर राजनीतिक लड़ाई लड़ेंगे और जीत हासिल करेंगे।
मुलाकात की प्रमुख बातें:-
अखिलेश यादव और आज़म खां की यह मुलाकात कई घंटे तक चली।
दोनों नेताओं ने अकेले में मुलाकात की, और अखिलेश यादव ने आज़म खां के परिवार से भी मुलाकात की।
अखिलेश ने कहा कि वह आज़म खां से पहले जेल में मिलने नहीं जा पाए थे, लेकिन अब उन्हें मिलने का मौका मिला है।
अखिलेश ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने आज़म खां के खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं और उन पर मुकदमे कर के गिनीज़ बुक का नया रिकॉर्ड बनाने की कोशिश की है।
अखिलेश और आज़म खां एक ही गाड़ी में उनके आवास पहुंचे, और जौहर विश्वविद्यालय के लोग आज़म खां को रिसीव करने पहुंचे थे।
अखिलेश यादव ने मोहिबुल्ला नदवी को बरेली में छोड़ा और नदवी को अपने साथ रामपुर नहीं लाए।
अखिलेश ने यह स्पष्ट किया कि उनका और आज़म खां का रिश्ता गहरा है और पार्टी हमेशा उनके साथ खड़ी रहेगी।