प्राइवेट स्पेस-टेक कंपनी Agnikul Cosmos ने सोमवार को एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (3D प्रिंटिंग) सुविधा का उद्घाटन किया, जो एयरोस्पेस और रॉकेट सिस्टम के लिए समर्पित है।
- यह डिज़ाइन, सिमुलेशन, प्रिंटिंग, पोस्ट-प्रोसेसिंग और फिनिशिंग का पूर्ण इंटीग्रेटेड इकोसिस्टम प्रस्तुत करता है।
- निर्माण लागत को 50% तक कम करने का लक्ष्य।
भारत में पहली बार 1 मीटर तक के रॉकेट और एयरोस्पेस पुर्जे प्रिंट
- अब Agnikul फ्लाइट-रेडी हार्डवेयर कुछ ही दिनों में तैयार कर सकता है।
- इससे डेवलपमेंट टाइमलाइन तेज़ होगी और 3D प्रिंटिंग की संभावनाएँ बढ़ेंगी।
स्वदेशी मशीनरी और डिपॉव्डरिंग सिस्टम
- कंपनी ने इन-हाउस बड़े पैमाने की मशीन और डिपॉव्डरिंग सिस्टम विकसित किया।
- यह स्पेस-ग्रेड क्वालिटी सुनिश्चित करता है और बाहरी निर्भरता को कम करता है।
रॉकेट इंजनों में तकनीकी प्रगति
- Agnikul के पास US पेटेंट है: सिंगल-पिस 3D-प्रिंटेड रॉकेट इंजन।
- नई सुविधा से 1 मीटर इंजन प्रिंट और निर्माण संभव, पुराने डिज़ाइनों की तुलना में सात गुना अधिक थ्रस्ट।
- उत्पादन अब कुछ ही दिनों में इन-हाउस किया जा सकता है।
भारत के स्पेस इकोसिस्टम में निवेश
- यह सुविधा केवल Agnikul के रॉकेट प्रोग्राम तक सीमित नहीं, बल्कि भारत के स्पेस सेक्टर के लिए लंबी अवधि का निवेश है।
- वैश्विक और घरेलू निवेशकों द्वारा समर्थित: Celesta Capital, Rocketship.vc, Artha Venture Fund, Mayfield India, Pi Ventures, और अन्य।
- कुल पूंजी जुटाव: $45 मिलियन।
पिछला रिकॉर्ड
- पिछले साल Agnikul ने देश का पहला प्राइवेट लॉन्चपैड से रॉकेट लॉन्च किया।
- Chennai आधारित स्टार्टअप ने Agnibaan SOrTeD सिंगल-स्टेज टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर रॉकेट सफलतापूर्वक लॉन्च किया।