उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अयोध्या में इस बार दीपोत्सव का आयोजन भव्यता के नए मानक स्थापित करने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप, दीपोत्सव-25 को अब तक का सबसे भव्य और यादगार आयोजन बनाने के लिए तैयारियां अंतिम दौर में हैं। इस बार का दीपोत्सव सिर्फ परंपराओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें आधुनिक तकनीकों का भी समावेश किया जाएगा। दीपोत्सव-25 में अयोध्या की त्रेतायुग की झलक को फिर से जीवंत किया जाएगा और पूरी नगरी को रोशन किया जाएगा।
भव्यता का नया आयाम
दीपोत्सव-25 इस बार 18 से 20 अक्टूबर के बीच होगा, और इसमें एक विशेष मल्टीमीडिया प्रोजेक्शन शो प्रस्तुत किया जाएगा। यह शो सरयू नदी के घाटों पर 45 मिनट का होगा, जिसमें प्रोजेक्शन मैपिंग, लेज़र इफेक्ट्स, आतिशबाज़ी, संगीत और कथावाचन के माध्यम से भगवान राम की गाथा को दर्शाया जाएगा। इस विशेष कार्यक्रम में 100 से अधिक कलाकारों का योगदान होगा और 200 मीटर तक फैली झांकियों के माध्यम से रामायण के प्रसंगों को जीवंत किया जाएगा।
दीपों से रोशन अयोध्या
दीपोत्सव-25 का सबसे आकर्षक पहलू होगा सरयू नदी पर 26 लाख दीपों का प्रज्ज्वलन, जो न सिर्फ धार्मिक महत्व रखेगा, बल्कि यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो सकता है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि दीपोत्सव-25 भगवान राम की अयोध्या वापसी की खुशी को आधुनिक तकनीक से फिर से जीवित करेगा। दीपोत्सव के इस विशेष आयोजन में जहां एक ओर परंपरा की झलक मिलेगी, वहीं दूसरी ओर आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित मल्टीमीडिया शो इसे एक अद्वितीय अनुभव बना देगा।
राम की गाथाओं का संगीत और प्रोजेक्शन
राम की पैड़ी पर होने वाले इस प्रोजेक्शन शो में भगवान राम की गाथा को प्रस्तुत करने के लिए प्रोजेक्शन मैपिंग और लेज़र इफेक्ट्स का प्रयोग किया जाएगा। इसके साथ-साथ इस शो में रामायण के प्रसंगों को कथावाचन, संगीत और आतिशबाज़ी के माध्यम से भी प्रस्तुत किया जाएगा। ये सभी तत्व इस शो को एक जादुई और अद्वितीय अनुभव बनाने के लिए तैयार हैं। इस कार्यक्रम में 100 से अधिक कलाकारों का योगदान होगा, जो इसके भव्यता को और बढ़ाएंगे।
स्थानीय कारीगरी का वैश्विक मंच
इस बार उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS 2025) का आयोजन भी खास होगा, जिसमें ओडीओपी पवेलियन के माध्यम से राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और कारीगरी को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत किया जाएगा। यहां पर विभिन्न जिलों के उत्पादों और शिल्पों को एक साथ प्रदर्शित किया जाएगा। प्रदेश के 343 स्टॉल्स पर विभिन्न जिलों की कला और कारीगरी को दिखाया जाएगा, जिसमें भदोही के कालीन, फिरोजाबाद का ग्लास आर्ट, मुरादाबाद का मेटलवेयर, कानपुर का लेदर प्रोडक्ट्स, वाराणसी का बनारसी साड़ी और अन्य कई उत्पाद शामिल होंगे।
सस्टेनेबिलिटी और इनोवेशन
यूपीआईटीएस 2025 में खास ध्यान सस्टेनेबिलिटी और इनोवेशन पर दिया गया है। जहां एक ओर पारंपरिक शिल्पों को आधुनिकता के साथ जोड़ा जाएगा, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए टिकाऊ उत्पादों की दिशा में भी कदम बढ़ाए जाएंगे। इससे कारीगरों को न केवल आधुनिक बाजारों की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि पर्यावरण के प्रति उनकी जिम्मेदारी भी निभाई जाएगी।
अखिल भारतीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान
दीपोत्सव-25 और यूपीआईटीएस 2025 दोनों ही आयोजन उत्तर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और कारीगरी को न केवल देशभर में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक नई पहचान दिलाएंगे। इन आयोजनों के माध्यम से राज्य की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिलेगी और स्थानीय कारीगरों को वैश्विक मंच पर पहचान मिलेगी। योगी सरकार का मानना है कि इन आयोजनों से “लोकल से ग्लोबल” का सपना साकार होगा और स्थानीय उत्पादों की वैश्विक पहचान बनेगी।