चंडीगढ़- पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा है कि राज्य सरकार 45 दिनों के भीतर बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा सुनिश्चित करेगी। मुख्यमंत्री ने अपनी सरकारी आवास पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्देश दिए और बाढ़ प्रभावित किसानों, परिवारों और पशुपालकों की त्वरित मदद पर जोर दिया।
उन्होंने बताया कि सरकार किसानों को फसलों के नुकसान के लिए 20,000 रुपए प्रति एकड़ मुआवजा देगी, जो देश में सबसे अधिक है। पिछली सरकारों के समय मुआवजा लेने में कई साल लग जाते थे, लेकिन वर्तमान सरकार इसे 45 दिनों के भीतर पूरा करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जिलों में बाढ़ का प्रभाव नहीं पड़ा है, वहां के अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों में भेजे जाएंगे ताकि आकलन शीघ्र पूरा हो सके।

फसल, घर और पशुओं के नुकसान के लिए मुआवजा सुनिश्चित किया जाएगा। पूर्ण नुकसान वाले घरों के लिए 1,20,000 रुपए और आंशिक नुकसान के लिए 40,000 रुपए का मुआवजा मिलेगा। पशुओं के नुकसान के लिए गाय-भैंस 37,500 रुपए, बकरी 4,000 रुपए और अन्य पशुओं के लिए नियमों के अनुसार मुआवजा मिलेगा। मुआवजा वितरण 15 सितंबर से शुरू होगा।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे गांव-गांव जाकर नुकसान का आकलन करें और रिपोर्ट तैयार करें। रिपोर्ट पर आपत्ति होने पर लोगों को इसे सुधारने के लिए एक सप्ताह का समय मिलेगा। उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया की व्यक्तिगत निगरानी करेंगे और किसी भी अधिकारी की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने बाढ़ से प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि मृतक परिवारों को तत्काल सहायता राशि दी जा रही है। साथ ही राज्य सरकार स्वच्छ पेयजल, मेडिकल कैंप और बुनियादी ढांचे की मरम्मत सुनिश्चित करेगी। मुख्यमंत्री ने भारत सरकार से पंजाब को बड़ी प्राकृतिक आपदा वाला राज्य घोषित करने का प्रस्ताव भी उठाने का निर्देश दिया।
बैठक में कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां, मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा और अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग वर्मा उपस्थित रहे।