भारत की फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री नई विकास लहर के लिए तैयार है। GST में हाल ही में किए गए बड़े बदलावों से जीवन रक्षक दवाओं और स्वास्थ्य सेवाओं को सस्ता और सुलभ बनाने की उम्मीद है। अगस्त 2025 में इस सेक्टर ने 8.7% वैल्यू ग्रोथ दर्ज की थी और अब कीमत, पहुंच और मरीजों की संख्या में व्यापक बदलाव की तैयारी कर रही है।
EY इंडिया के टैक्स पार्टनर सुरेश नायर ने कहा, “फार्मा सेक्टर में GST दरों की पुनर्संरचना हेल्थकेयर के लिए परिवर्तनकारी है। सभी दवाओं पर GST 12% से 5% किया गया और 36 महत्वपूर्ण जीवन रक्षक दवाओं को शून्य दर दी गई, जिससे मरीजों का खर्च कम होगा और आवश्यक उपचार तक पहुंच बढ़ेगी।”
GST काउंसिल की 56वीं बैठक में दो-स्तरीय दर (18% स्टैंडर्ड और 5% मेरिट) को मंजूरी दी गई, साथ ही मुख्य स्वास्थ्य और जीवन बीमा उत्पादों को छूट दी गई और मेडिकल डिवाइस एवं उपकरणों पर GST घटाई गई। इससे मरीजों पर लागत का बोझ कम होगा और उच्च मूल्य वाली थेरपीज, खासकर कैंसर और दुर्लभ बीमारियों में मांग बढ़ेगी।
Roche Pharma इंडिया के MD & CEO राज्जी मेहदवान ने कहा, “यह देश में हेल्थकेयर के लिए गेम-चेंजर है। मरीजों के लिए यह केवल नीति नहीं, बल्कि उम्मीद है।”
Roche की उच्च कीमत वाली कैंसर और दुर्लभ रोग थेरपीज जैसे Atezolizumab (Tecentriq), Obinutuzumab (Gazyva), Entrectinib (Rozlytrek), Risdiplam (Evrysdi), और Emicizumab (Hemlibra) अब GST मुक्त होने के कारण अधिक सस्ती होंगी।
इसी तरह Sanofi, Novartis, Johnson & Johnson, Takeda, GSK, Amgen, Bayer, Boehringer Ingelheim की कैंसर और दुर्लभ रोग थेरपीज भी सस्ती होंगी और मरीजों के लिए अधिक सुलभ होंगी।
जीन रिप्लेसमेंट थेरपी Onasemnogene abeparvovec (Zolgensma) की कीमत भारत में ₹17 करोड़ प्रति डोज से घटकर ₹11 लाख कम हो गई। Daratumumab और Alectinib जैसी दवाओं में भी कीमत में कमी आई। Daratumumab, जो मल्टिपल मायलोमा में इस्तेमाल होती है, की कीमत ₹75,500 प्रति डोज से ₹4,700 कम हो गई।
PharmaTrac के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय फार्मा मार्केट (IPM) अगस्त 2025 तक ₹2.32 लाख करोड़ पहुंच गई। एंटी-डायबेटिक्स, कार्डियक और एंटी-नेओप्लास्टिक थेरपीज में डबल-डिजिट ग्रोथ दर्ज हुई। अकेले एंटी-नेओप्लास्टिक्स सेगमेंट में अगस्त में 19.7% की वृद्धि हुई, जो GST कटौती के कारण कैंसर थेरपीज की बढ़ती मांग को दर्शाता है।
कीमतें कम, मात्रा बढ़ेगी
PharmaTrac के विश्लेषक ने कहा, “MRP में कमी और मरीज सहायता कार्यक्रम न केवल लागत कम करेंगे, बल्कि कमजोर वर्ग के मरीजों को भी उपचार तक पहुंचने में मदद करेंगे।”
हालांकि, सभी हितधारक खुश नहीं हैं। Dr. Vivek Desai, MD, HOSMAC ने चेतावनी दी कि इनवर्टेड GST संरचना (इनपुट पर 18% और अंतिम उत्पाद पर 5%) से लाभ मार्जिन पर दबाव पड़ सकता है।
इसके बावजूद समग्र भावना सकारात्मक है। अगस्त में IPM के प्रदर्शन में सभी मुख्य थेरपी क्षेत्रों में वृद्धि देखी गई, जिसमें कार्डियक (13.2%), श्वसन (17.3%) और वैक्सीन (21.4%) शामिल हैं। Sun Pharma, Cipla और Intas जैसी कंपनियों ने डबल-डिजिट ग्रोथ दर्ज की, जो मजबूत बाजार गति का संकेत देती है।
22 सितंबर 2025 से नई GST दरें लागू होने के साथ, इंडस्ट्री कीमत रणनीतियों को नया रूप देगी, पहुंच कार्यक्रम बढ़ाएगी और टियर-2 और टियर-3 शहरों में नए बाजार क्षेत्रों को खोजेगी।