Punjab Government Relief. पंजाब में बाढ़ की गंभीर स्थिति के बीच मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राहत और बचाव कार्यों में नेतृत्व का अनूठा उदाहरण पेश किया। उन्होंने गुरदासपुर और पठानकोट के बाढ़ग्रस्त गांवों का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से सीधे संवाद कर उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार हर हाल में राहत पहुंचाएगी।
मुख्यमंत्री ने पूरी कैबिनेट के साथ राहत कार्यों का जायजा लिया और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राज्य प्रशासन 24×7 मोर्चा संभाले हुए है और सभी छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं ताकि राहत कार्यों में कोई बाधा न आए।
भगवंत मान ने अपने व्यक्तिगत हेलीकॉप्टर को भी राहत कार्यों के लिए समर्पित कर दिया है। इसका उपयोग गुरदासपुर और पठानकोट के फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में हो रहा है।
जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक ने भी प्रभावित गांवों का दौरा किया और राहत सामग्री वितरित की। सेना, बीएसएफ, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ सहित सभी राहत इकाइयाँ समन्वित रूप से कार्यरत हैं।
रावी नदी का जलस्तर रणजीत सागर डैम से छोड़े गए 1,10,000 क्यूसेक पानी के कारण बढ़ा है। गुरदासपुर के जग्गोचक टांडा गांव से 70 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया। पठानकोट के तास गांव में फंसे परिवारों के लिए विशेष बचाव अभियान चलाया गया।
सरकार ने राहत शिविरों और लंगर की व्यवस्था भी सुनिश्चित की है। नरोट जैमल सिंह और तारागढ़ के स्कूलों में लंगर सेवा शुरू की गई, जबकि कई अन्य गांवों में राहत केंद्र संचालित हैं। गुरदासपुर के मराड़ा, बाहमणी, गाहलड़ी और गुरुद्वारा श्री टाहली साहिब में भी राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित किसानों और परिवारों को विशेष गिरदावरी के बाद पूरा मुआवज़ा दिया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और नदियों-नालों के किनारे से दूर रहें।
आज पंजाब की सरकार की यह सक्रियता देश के सामने एक सकारात्मक उदाहरण के रूप में उभर रही है, जहाँ संकट की घड़ी में हर संसाधन और हर अधिकारी जनता की सेवा में समर्पित है।