Children’s Health. आज के समय में बच्चों के बीच चॉकलेट और कुकीज़ का क्रेज़ तेजी से बढ़ रहा है। माता-पिता अक्सर शिकायत करते हैं कि उनके बच्चे हर कुछ घंटों में मीठा खाने की जिद करने लगते हैं। मज़बूरी में मां-बाप कई बार उनकी बात मान भी लेते हैं। लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि इनका अधिक सेवन बच्चों की सेहत के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।
बच्चों का पौष्टिक खाना छूट रहा
डॉक्टरों के मुताबिक, जब बच्चे बार-बार चॉकलेट और कुकीज़ खाते हैं तो उन्हें भूख कम लगती है। नतीजतन, वे फल, सब्जियां, दाल और अनाज जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थों से दूरी बनाने लगते हैं। इससे शरीर में जरूरी विटामिन, मिनरल और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।
मोटापा और अन्य बीमारियों का खतरा
विशेषज्ञों ने बताया कि चॉकलेट और कुकीज़ में मौजूद उच्च मात्रा की शुगर और कैलोरी बच्चों में मोटापा बढ़ाती है। यही मोटापा आगे चलकर हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
दांतों पर असर
बाल रोग विशेषज्ञों का कहना है कि इन खाद्य पदार्थों की मीठास दांतों के लिए सबसे बड़ा दुश्मन है। शुगर दांतों पर चिपककर बैक्टीरिया को पनपाती है, जिससे कैविटी और दांतों की सड़न की समस्या सामने आती है।
नींद और व्यवहार पर असर
चॉकलेट और कुकीज़ में पाया जाने वाला कैफीन और अधिक शुगर बच्चों के व्यवहार पर भी असर डाल सकता है। इससे बच्चे हाइपरएक्टिव, चिड़चिड़े हो सकते हैं और उनकी नींद की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।
क्या है समाधान?
विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को पूरी तरह चॉकलेट और कुकीज़ से रोकना सही तरीका नहीं है। इससे वे छिपकर इन्हें खाने लग सकते हैं। इसके बजाय, माता-पिता को चाहिए कि बच्चों को मात्रा तय करके खिलाएं और सेहतमंद विकल्प उपलब्ध कराएं। बच्चों को दिए जा सकते हैं ये विकल्प जैसे ताजे फल, ड्राई फ्रूट्स और नट्स, गुड़ से बनी कुकीज़, घर पर बने ओट्स या हेल्दी बेक्ड स्नैक्स आदि शामिल कर सकते हैं।
Disclaime : – इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य जन-जागरूकता के लिए है। किसी भी तरह की डाइट या सेहत संबंधी बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।