नई दिल्ली: राज्यसभा ने गुरुवार को The Promotion and Regulation of Online Gaming Bill को मंजूरी दे दी, इसके पहले यह लोकसभा में पास हो चुका था। यह बिल ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को नियंत्रित करने, नवाचार को बढ़ावा देने और मनी-बेस्ड गेमिंग से जुड़ी खतरनाक गतिविधियों को रोकने के लिए लाया गया है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैश्नव ने बिल को पेश करते हुए बताया कि यह कानून ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को तीन श्रेणियों में बांटता है – ई-स्पोर्ट्स, ऑनलाइन मनी गेमिंग और ऑनलाइन सोशल गेम्स। ई-स्पोर्ट्स को प्रतिस्पर्धात्मक खेल के रूप में मान्यता दी जाएगी, जिसमें कौशल, रणनीति और टीमवर्क शामिल होंगे।
वैश्नव ने चेतावनी दी कि मनी गेमिंग समाज में बड़ी समस्या बन गई है, खासकर मध्यम वर्ग के युवाओं में। अनुमान है कि 45 करोड़ लोग प्रभावित हैं और 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की हानि हुई है। WHO ने इसे गेमिंग डिसऑर्डर घोषित किया है।
बिल में मनी गेमिंग की पेशकश, प्रचार और उससे जुड़े वित्तीय लेन-देन पर कड़ी पाबंदियां तय की गई हैं। उल्लंघन पर 3 साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। बार-बार उल्लंघन करने वालों पर और सख्त दंड लागू होगा।इस कानून से ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर में सुरक्षा, निगरानी और पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद है।