Indian Retail Market. Deloitte–FICCI की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रिटेल सेक्टर अगले छह वर्षों में लगभग दोगुना होकर 2024 के $1.06 ट्रिलियन से बढ़कर 2030 तक $1.93 ट्रिलियन तक पहुँच सकता है, जो 10% की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) को दर्शाता है। इस वृद्धि को घरेलू बाजार की गहरी पकड़ और वैश्विक व्यापार में उतार-चढ़ाव के खिलाफ सुरक्षा कवच के रूप में देखा जा रहा है।
‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों को बढ़ावा
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि नए Free Trade Agreements (FTAs) और टैरिफ रीएलाइनमेंट्स भारत के निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ा रहे हैं। इससे ‘मेड इन इंडिया’ उत्पाद नए बाजारों तक कम बाधाओं और लागत लाभ के साथ पहुँच सकते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया, उभरती हुई क्रय शक्ति, जिसमें Gen Z की सीधे खर्च करने की क्षमता $250 बिलियन है, न केवल घरेलू मांग को बनाए रख रही है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांड्स को विस्तार करने का आत्मविश्वास भी प्रदान कर रही है। घरेलू स्थिरता और बेहतर वैश्विक बाजार पहुंच का यह संगम भारत को एक उपभोक्ता शक्ति और मजबूत निर्यात आधार दोनों के रूप में स्थापित करता है।
डिजिटल और प्रीमियम-इंक्लूसिव की लहर
रिपोर्ट में उल्लेख है कि भारतीय रिटेल और उपभोक्ता परिदृश्य में डिजिटल-फर्स्ट दृष्टिकोण, प्रीमियम लेकिन समावेशी消费, क्विक कॉमर्स का तेजी से विस्तार और डायरेक्ट-टू-कस्टमर (D2C) ब्रांड्स का विस्फोटक विकास प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।
- ऑनलाइन मार्केटप्लेस अब 73% खरीद निर्णयों को प्रभावित करते हैं।
- यूट्यूब रिव्यूज (40%) और पीयर रेकमेंडेशन (51%) पारंपरिक इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग के विकल्प के रूप में भरोसेमंद बन गए हैं।
- भारत विश्व का पहला स्केल्ड क्विक कॉमर्स मार्केट है, जो 80 से अधिक शहरों में काम करता है और 70–80% CAGR से बढ़ रहा है।
क्विक कॉमर्स का विस्तार
कुमार वेंकटसुब्रमण्यम, CEO, P&G India और FICCI FMCG कमेटी के चेयरमैन ने कहा उपभोक्ता अब केवल खरीदार नहीं हैं, बल्कि सशक्त निर्णय निर्माता हैं। भारत में डिजिटल प्लेटफॉर्म पहले ही कुल FMCG खपत का लगभग 17% नियंत्रित कर रहे हैं, जबकि क्विक कॉमर्स FMCG ब्रांड्स की ई-कॉमर्स राजस्व का 35% उत्पन्न कर रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, क्विक कॉमर्स सेगमेंट 2030 तक $35 बिलियन GMV तक पहुंचने का अनुमान है, जो लाखों डिलीवरी पार्टनर्स और बढ़ती इलेक्ट्रिक फ़्लीट से समर्थित है।
उपभोक्ता अनुभव और लचीली आपूर्ति श्रृंखला
कुमार ने कहा क्विक कॉमर्स और ई-कॉमर्स जैसे लचीले मॉडल की लगातार वृद्धि, डिजिटल भुगतान की बढ़ती गति से समर्थित, उपभोक्ता अनुभव को बेहतर बनाने के लिए अभूतपूर्व अवसर पैदा कर रही है। लचीली और त्वरित आपूर्ति श्रृंखलाएं भविष्य में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ का महत्वपूर्ण साधन बन सकती हैं।