PM Modi Cabinet Decisions. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में देश के तकनीकी और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। कैबिनेट ने ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में चार नए सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनके लिए कुल 4,594 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके साथ ही लखनऊ मेट्रो के चरण 1B को भी हरी झंडी दी गई है, जिसके लिए 5,801 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। साथ ही 700 मेगावाट की ताटो-II हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को भी मंजूरी मिली है, जिसमें 8,146 करोड़ रुपये निवेश होंगे।
सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत की महत्वाकांक्षाएं
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद बताया कि चार नई सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जो ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पंजाब में स्थापित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि पहले से ही छह परियोजनाएं स्वीकृत हो चुकी हैं और अब इन चार नई परियोजनाओं के जुड़ने से भारत का सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम और भी मजबूत होगा। भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2023 में लगभग 38 अरब डॉलर था, जो 2024-25 तक 45 से 50 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। सरकार ग्लोबल पार्टनरशिप, पॉलिसी सपोर्ट और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देकर इस क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रही है।
लखनऊ मेट्रो फेस 1B को मिली मंजूरी
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि लखनऊ जैसे बड़े शहर में मेट्रो का विकास बेहद जरूरी है। इसलिए लखनऊ मेट्रो के चरण 1B को 5,801 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। यह परियोजना शहर में बेहतर यातायात सुविधा उपलब्ध कराने और शहरी जीवन को सुगम बनाने में सहायक होगी।
ताटो-II हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट पर भारी निवेश
स्वच्छ और नवीनीकृत ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्ध भारत ने 700 मेगावाट की ताटो-II हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना को भी मंजूरी दी है। इस परियोजना के लिए 8,146 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह कदम देश में स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भारत बनेगा ग्लोबल सेमीकंडक्टर मार्केट में अहम खिलाड़ी
केंद्र सरकार की योजना है कि भारत जल्द ही वैश्विक सेमीकंडक्टर मार्केट में एक प्रमुख भूमिका निभाए। घरेलू निर्माण बढ़ाने, वैश्विक साझेदारियां मजबूत करने और नीति सहायता के चलते भारत का चिप निर्माण क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। सरकार ने विभिन्न हिस्सों में बड़े निवेश की घोषणा की है, जो देश की तकनीकी प्रगति और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा।