नई दिल्ली, 11 अगस्त (पीटीआई) — राज्य मंत्री वित्त पंकज चौधरी ने सोमवार को कहा कि सितंबर 2024 में शुरू की गई NPS वत्सल्य योजना के तहत अब तक 1.30 लाख नाबालिग सदस्य पंजीकृत हो चुके हैं।
NPS वत्सल्य योजना: बचत और वित्तीय सुरक्षा का माध्यम
चौधरी ने लोकसभा में लिखित उत्तर में बताया कि NPS वत्सल्य योजना पीढ़ियों के बीच वित्तीय समानता और सुरक्षा को बढ़ावा देती है। यह योजना बच्चों के लिए प्रारंभिक बचत को प्रोत्साहित करती है और पीढ़ियों में सेवानिवृत्ति की योजना बनाने की संस्कृति विकसित करती है।
पुराने टैक्स नियम के तहत 80CCD(1B) के तहत कर लाभ
पुराने कर शासनादेश के अंतर्गत 1 अप्रैल 2025 से NPS वत्सल्य में माता-पिता या अभिभावक द्वारा की गई योगदान पर धारा 80CCD(1B) के तहत ₹50,000 तक की आयकर कटौती लागू होगी।
प्रदेश और जिलेवार पंजीकरण की जानकारी
3 अगस्त, 2025 तक कुल 1.30 लाख नाबालिग सदस्य इस योजना के तहत पंजीकृत हैं, जिनमें से 29 सदस्य दाहोद जिले से हैं।
पॉइंट्स ऑफ़ प्रेजेंस (PoPs) के माध्यम से योजना का क्रियान्वयन
यह योजना बैंक शाखाओं और गैर-बैंक संस्थाओं के माध्यम से संचालित होती है, जिन्हें पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) नियंत्रित करता है। PoPs पूरे भारत में फैले हुए हैं, जिससे योजना की पहुंच व्यापक और सुविधाजनक बनी है।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से पंजीकरण की सुविधा
NPS ट्रस्ट द्वारा उपलब्ध कराए गए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी NPS वत्सल्य खाता खोला जा सकता है, जिससे योजना की पहुंच और अधिक बढ़ी है।
योजना की खासियत: न्यूनतम वार्षिक योगदान और उद्देश्य
NPS वत्सल्य योजना 18 सितंबर 2024 को शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य पूर्ण पेंशन प्रणाली वाली समाज की स्थापना करना है। योजना के तहत माता-पिता या अभिभावक अपने नाबालिग सदस्य के लिए प्रति वर्ष न्यूनतम ₹1,000 का योगदान कर सकते हैं, और अधिकतम योगदान की कोई सीमा नहीं है।