Varanasi Floods. उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा और वरुणा नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे शहर के कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं। पहले घाट डूबे, अब गंगा का पानी रिहायशी कॉलोनियों और गलियों में घुसने लगा है। वहीं वरुणा नदी के उफान से आसपास के 5 प्रमुख मोहल्ले सरैया, नक्खीघाट, सलारपुर, दानियालपुर और ढेलवरिया गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। इन क्षेत्रों के सैकड़ों परिवार पलायन पर मजबूर हैं और कुछ लोगों ने राहत शिविरों का रुख किया है।
खतरे के निशान के करीब गंगा
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, शनिवार सुबह 10 बजे गंगा का जलस्तर 69.96 मीटर दर्ज किया गया। गंगा 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है। बता दें कि वाराणसी में गंगा का चेतावनी स्तर 70.26 मीटर और खतरे का निशान 71.26 मीटर है। जलस्तर अब सिर्फ 30 सेंटीमीटर दूर है उस बिंदु से, जहां प्रशासन को आपातकालीन योजना लागू करनी पड़ती है।
लोगों का पलायन और हाहाकार
वरुणा किनारे के महेंद्र और अनिल शर्मा जैसे स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले दो दिनों से जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और अब घरों में पानी घुस चुका है। लोग अपनी जरूरत का सामान समेटकर घर छोड़ने को मजबूर हैं। कुछ परिवारों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। रमना गांव में गंगा का पानी खेतों तक पहुंच गया है, जिससे फसलें भी प्रभावित हो रही हैं।
गंगा आरती भी हुई प्रभावित
पवित्र अस्सी घाट पर अब गंगा गलियों तक पहुंच चुकी है। आरती आयोजकों ने बताया कि जलस्तर बढ़ने की वजह से गंगा आरती अब घाट से हटकर गलियों में की जा रही है। भक्तों की संख्या सीमित कर दी गई है और आरती का स्वरूप भी छोटा किया गया है।
प्रशासन की तैयारी और अपील
प्रशासन ने NDRF और SDRF की टीमें हाई अलर्ट पर रखी हैं और प्रभावित इलाकों में नावों की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही, लोगों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।