Tetanus injection: मौसम में बदलाव और वायरल इंफेक्शन के बढ़ने के साथ-साथ खेलकूद करते समय चोट लगना आम बात है। ऐसे में सबसे पहले डॉक्टर टिटनेस का इंजेक्शन लगवाने की सलाह देते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि यह इंजेक्शन क्यों और कब जरूरी है? और अगर इसे समय पर न लगाया जाए तो आपकी सेहत पर क्या असर हो सकता है?
टिटनेस क्या है?
टिटनेस एक खतरनाक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो Clostridium tetani बैक्टीरिया से होता है। यह बैक्टीरिया शरीर के नसों और मांसपेशियों को प्रभावित करता है। मामूली चोट, खरोंच या जंग लगे किसी वस्तु से चोट लगने पर टिटनेस का खतरा बढ़ सकता है। यदि इसका इलाज समय पर नहीं किया जाता है तो यह जानलेवा हो सकता है।
टिटनेस का इंजेक्शन कब लगवाना चाहिए?
- जंग लगे लोहे या गंदे औजार से चोट: अगर आपको जंग लगे लोहे, कील, तार, या किसी गंदे धारदार वस्तु से चोट लगी है, तो टिटनेस का इंजेक्शन तुरंत लगवाना चाहिए।
- गहरे घाव या जलने पर: यदि घाव गहरा है और खून बह रहा है, तो प्राथमिक उपचार के बाद 24 घंटे के अंदर टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना जरूरी है।
- कुत्ते या बिल्ली के काटने पर: जानवरों के काटने पर खासकर कुत्ते और बिल्ली के काटने पर टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना जरूरी है।
- गर्भावस्था में: गर्भवती महिलाओं को भी टिटनेस का टीका दो बार दिया जाता है, ताकि मां और बच्चे दोनों सुरक्षित रह सकें।
- बच्चों और किशोरों के लिए: बच्चों को 5 साल की उम्र तक 5 बार टिटनेस का टीका और किशोरावस्था में बूस्टर डोज दी जाती है।
टिटनेस का इंजेक्शन लगाने में देरी से क्या होता है?
टिटनेस का इंजेक्शन लगाने में देरी से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। अगर समय रहते इंजेक्शन नहीं लगवाया जाता, तो मरीज को गंभीर मांसपेशियों की ऐंठन, खासकर गर्दन और जबड़े में अकड़न का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, शरीर में अकड़न और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। गंभीर मामलों में, अगर इलाज में देरी की जाती है, तो मरीज को आईसीयू में भर्ती करने की जरूरत भी पड़ सकती है, और यह स्थिति मौत तक पहुंच सकती है।
टिटनेस का इंजेक्शन एक साधारण और प्रभावी तरीका है, जिससे आप इस जानलेवा संक्रमण से बच सकते हैं। छोटी-सी लापरवाही सेहत के लिए बहुत महंगी पड़ सकती है, इसलिए जब भी कोई गहरी चोट, खरोंच या जलन हो, तो तुरंत टिटनेस का इंजेक्शन लगवाएं।