Chhangur Gang: एक समय झाड़-फूंक से इलाज करने वाला मुबारक अब प्रशासनिक जांच के घेरे में आ चुका है। आय से अधिक संपत्ति, चरस तस्करी, और फर्जी डॉक्टर बनकर इलाज करने जैसे गंभीर आरोपों से घिरे मुबारक का पालिक्लिनिक अब सील कर दिया गया है।
DM के निर्देश पर शुरू हुई कार्रवाई में अब बैंक खातों की जांच भी जारी है। जिला प्रशासन ने इस पूरे मामले को संवेदनशील करार देते हुए, इससे जुड़े हर पहलू की बारीकी से पड़ताल शुरू कर दी है।
छांगुर से भी मुबारक की नजदीकी
सूत्रों के अनुसार मुबारक ने शुरुआत झाड़-फूंक और देहाती इलाज से की थी। लेकिन धीरे-धीरे उसने खुद को “डॉक्टर” बताकर मेडिकल स्टोर और पालिक्लिनिक खोल लिया। ना कोई मेडिकल डिग्री, ना कोई पंजीकरण…. बावजूद इसके, मरीजों की भीड़ उसके कथित अस्पताल में बनी रहती थी।
प्रशासन को शक है कि अवैध धर्मांतरण के आरोपी छांगुर से भी मुबारक की नजदीकी रही है, जिससे यह मामला और भी संदेहास्पद हो गया है।
अकूत संपत्ति, लेकिन हिसाब अधूरा
जांच में सामने आया है कि मुबारक के पास कई बैंक खाते, महंगी गाड़ियाँ और संपत्तियाँ हैं, जो उसकी घोषित आमदनी से मेल नहीं खातीं। आय से अधिक संपत्ति के मामले में डीएम ने आर्थिक और विधिक जांच एजेंसियों को सक्रिय किया है।
चरस तस्करी में जा चुका है जेल
ये पहला मामला नहीं है जब मुबारक का नाम विवादों में आया हो। रिकॉर्ड के अनुसार वह चरस तस्करी के आरोप में पहले भी जेल जा चुका है। ऐसे में अब यह आशंका भी गहराने लगी है कि फर्जी क्लीनिक की आड़ में कहीं कोई अवैध गतिविधियाँ तो नहीं चलाई जा रही थीं?
भीड़ और प्रभुत्व का रहस्य
सबसे बड़ा सवाल ये उठता है जब पालिक्लिनिक सील हो चुका है और अस्पताल अब काम नहीं कर रहा, तब भी मुबारक का प्रभुत्व और उसके घर के आस-पास की भीड़ क्यों बरकरार है? क्या लोग अब भी इलाज के नाम पर गुमराह हो रहे हैं या इसके पीछे कोई और सामाजिक दबाव है?
प्रशासन सख्त, जांच जारी
डीएम श्रावस्ती ने साफ किया है कि इस पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है और यदि कोई और व्यक्ति या समूह इसमें संलिप्त पाया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मामले को संवेदनशील गतिविधियों से भी जोड़ा जा रहा है, जिनकी पुष्टि जांच के बाद ही हो सकेगी।