वाराणसी। देशभर में सावन के पहले सोमवार को शिवालयों में शिवभक्तों का सैलाब उमड़ा हुआ है। सुबह से ही शिवभक्त भगवान शिव के अतिप्रिय महीने सावन में जलाभिषेक के लिए पहुंच रहे है। द्वादश ज्योतिर्लिंग बाबा श्री काशी विश्वनाथ के धाम में भक्त देर रात से ही सावन के पहले सोमवार पर जलाभिषेक के लिए लंबी कतार लगाकर इंतजार करते रहे। मंगला आरती के बाद भक्तों के लिए मंदिर खुलते ही जलाभिषेक कर क्रम जारी है। सावन के पहले सोमवार को काशी सहित देशभर से आए यादव बंधुओं ने परंपरा के अनुरूप बाबा श्री काशी विश्वनाथ का मां गंगा के जल से अभिषेक किया। काशी के सारंगनाथ, तिलभांडेश्वर, मार्कण्डेय महादेव सही सभी शिवालयों में भक्तों की लंबी कतार लगी रही।

जानिए क्या है यादव बंधुओं के बाबा श्री काशी विश्वनाथ पर जलाभिषेक की परंपरा…
महादेव की नगरी काशी में सावन के पहले सोमवार पर बाबा श्री काशी विश्वनाथ को यादव बंधुओं के द्वारा जलाभिषेक किए जाने की परंपरा सैकड़ों वर्ष पुरानी है। कहा जाता है, कि जब देश के अकाल पड़ा था, तब यादव बंधुओं ने बाबा श्री काशी विश्वनाथ पर मां गंगा के जल से इतना जलाभिषेक किया कि उसके बाद जमकर बरसात हुआ। यादवबंधुओं के अनुसार उस समय यादव बंधुओं को अहीर, ग्वाल और गोप कहा जाता था। अकाल से देश को मुक्त करवाने के लिए काशी में बाबा श्री काशी विश्वनाथ के साथ कुल 9 शिवालयों में जलाभिषेक किया गया था। ऐसे में इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए सावन के पहले सोमवार को यादवबंधु बाबा श्री काशी विश्वनाथ भक्तिमय रंग में रंग कर जलाभिषेक करते है।

एरियल व्यू के जरिए की जा रही विश्वनाथ धाम परिक्षेत्र की निगरानी…
वाराणसी में सावन के पहले सोमवार पर सुरक्षा के बेहद पुख्ता इंतजाम किए गए। पुलिस टीम के साथ पीएसी, आरएएफ, एटीएस, कमांडो की टीम के साथ सिविल सुरक्षा और समाजसेवी संस्थाओं के वालेंटियर लगे हुए है। वही सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से लगातार निगरानी की जा रही है। जबकि बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर से लेकर आस पास के क्षेत्र की निगरानी एरियल व्यू के जरिए किए जा रहा है। इस टेक्नीक से एक स्थान से विश्वनाथ धाम और आस पास के क्षेत्र की निगरानी की जा रही है।