Ukraine Russia War July 2025. रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध रविवार को एक नए और खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया जब रूस ने यूक्रेन के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया। इस हमले में रूस ने 700 ड्रोन और 26 मिसाइलें यूक्रेनी ठिकानों पर दागीं। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इस हमले को यूक्रेन की संप्रभुता पर सीधा और सुनियोजित आक्रमण करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह हमला केवल यूक्रेन के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरी वैश्विक लोकतांत्रिक व्यवस्था को चुनौती देने वाला है।
यूक्रेन ने जवाबी कार्रवाई में गिराए 319 ड्रोन और 25 मिसाइलें
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बयान जारी कर बताया कि यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणाली ने इस हमले के दौरान 319 ड्रोन और 25 मिसाइलों को सफलतापूर्वक नष्ट किया। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि करीब 20 ड्रोन और एक मिसाइल पांच अलग-अलग स्थानों पर आकर गिरी, जिससे भारी क्षति हुई है। इन इलाकों में ऊर्जा केंद्र, आवासीय परिसर और एक अस्पताल शामिल बताए जा रहे हैं, हालांकि प्रशासन द्वारा क्षति का अंतिम मूल्यांकन अभी जारी है।
पश्चिमी देशों से तत्काल एक्शन की अपील
हमले के तुरंत बाद जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों से कड़ी प्रतिक्रिया और सहयोग की अपील की है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब वक्त केवल बयान जारी करने का नहीं है, बल्कि ठोस कदम उठाने का है। उन्होंने नाटो देशों से एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम, लंबी दूरी के हथियार और आर्थिक प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने की मांग की है।
“रूस को तभी रोका जा सकता है जब विश्व समुदाय एकजुट होकर त्वरित और निर्णायक कदम उठाए। हमें सिर्फ समर्थन नहीं, अब कार्रवाई चाहिए।” : वोलोदिमिर जेलेंस्की, राष्ट्रपति, यूक्रेन
रूस की रणनीति पर उठ रहे सवाल
सैन्य विशेषज्ञों के मुताबिक, रूस का यह हमला न केवल यूक्रेन के सैन्य ढांचे को कमजोर करने का प्रयास है, बल्कि इससे पश्चिमी समर्थन के प्रति यूक्रेनी जनता की आशा और मनोबल को भी प्रभावित करने की कोशिश की गई है। विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि यह हमला रूस की ओर से एक रणनीतिक संदेश भी है, जिसमें यह दिखाया गया है कि उसकी सैन्य ताकत अभी भी प्रभावी और आक्रामक रूप में सक्रिय है।
वैश्विक प्रतिक्रिया का इंतजार
अभी तक अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस की सरकारों ने हमले की निंदा करते हुए यूक्रेन के साथ एकजुटता व्यक्त की है। हालांकि, यूक्रेन को मिलने वाली सैन्य सहायता और प्रतिरोध के लिए अगले कदमों को लेकर किसी तरह का आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले 48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि यदि पश्चिमी देश ठोस कार्रवाई नहीं करते हैं, तो यह रूस को और अधिक आक्रामक बनने के लिए प्रेरित कर सकता है।