लखनऊ। राजस्थान के बूंदी जिले से मानवता को झकझोर देने वाली एक घटना सामने आई है। यहां एक पिता ने देवता को भोग चढ़ाने के लिए अपने 12 वर्षीय मासूम बेटे को महज 20,000 रुपये में 10 महीने के लिए रिश्तेदार को बंधुआ मजदूर बना कर सौंप दिया। यह मामला तब सामने आया जब लड़का किसी तरह बूंदी रेलवे स्टेशन पहुंच कर भागने में सफल रहा।
देवता को भोग चढ़ाने के लिए बेटे को बना दिया बंधुआ
पुलिस और चाइल्डलाइन की जानकारी के अनुसार, लड़के के पिता को गांव में एक देवता को भोग लगाने के लिए करीब 25 हजार रुपये की जरूरत थी। आर्थिक तंगी के चलते उसने अपने बेटे को एक रिश्तेदार के हाथों सौंप दिया, जो बूंदी में पॉप आर्ट की मूर्तियां बनाने का काम करता है।
बूंदी रेलवे स्टेशन से बचाया गया मासूम
चाइल्डलाइन 1098 के जिला समन्वयक रामनारायण गुर्जर ने बताया कि जयपुर कंट्रोल रूम से सूचना मिली थी कि बूंदी रेलवे स्टेशन पर एक बच्चा बैठा है, जो उदयपुर जाना चाहता था। चाइल्डलाइन टीम तत्काल मौके पर पहुंची और बच्चे को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया।
9 से 6 बजे तक कराया जाता था काम
सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष सीमा पोद्दार ने बताया कि बच्चा 21 जून को बूंदी लाया गया था और उससे सुबह 9 से शाम 6 बजे तक काम करवाया जाता था। लड़का जबरन मजदूरी करने को मजबूर था क्योंकि उसके पिता ने पैसे ले लिए थे और उसे वापस लौटने की अनुमति नहीं थी।
अजनबी की मदद से मां को लगाया फोन, फिर भाग निकला
गुरुवार को बच्चे ने भागने की योजना बनाई और बूंदी रेलवे स्टेशन पहुंचा। वहां उसने एक अजनबी से मदद मांगी और अपनी मां को फोन किया। इसके बाद चाइल्डलाइन ने तत्काल कार्रवाई कर उसे बाल कल्याण समिति (CWC) के समक्ष प्रस्तुत किया।
बंधुआ बनाने वाले रिश्तेदार पर FIR दर्ज
मानव तस्करी विरोधी इकाई, श्रम विभाग और चाइल्डलाइन की संयुक्त टास्कफोर्स ने कार्रवाई कर रिश्तेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। बूंदी के एसडीएम एचडी सिंह ने सरकारी किशोर गृह पहुंचकर लड़के से मुलाकात की और बयान दर्ज किए।
30 हजार रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत
मामले की गंभीरता को देखते हुए बंधुआ मजदूरी से मुक्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है। इस प्रमाण पत्र के आधार पर बच्चे को सरकार की ओर से 30,000 रुपये की तात्कालिक सहायता दी जाएगी।