लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक स्कूलों के युग्मन/एकीकरण की नीति को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने कड़ा ऐतराज़ जताया है। पार्टी ने इस फैसले को अनुचित, ग़ैर-ज़रूरी और गरीब विरोधी बताते हुए सरकार से इसे तुरंत वापस लेने की अपील की है।
बीएसपी ने कहा है कि इस नीति के चलते गांव-देहात और शहरी झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले करोड़ों ग़रीब परिवारों के बच्चों की सुगम, सस्ती और सुलभ सरकारी शिक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचेगा।
सरकार बनी तो रद्द करेंगे फैसला
बीएसपी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यदि योगी सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया, तो बीएसपी जनता को यह भरोसा दिलाना चाहती है कि बीएसपी की सरकार बनने पर प्रदेश में दोबारा पुरानी व्यवस्था बहाल की जाएगी और एकीकरण की नीति को रद्द किया जाएगा।
बीएसपी का सवाल: क्या ग़रीबों को पढ़ाई का हक नहीं?
बीएसपी का कहना है कि यह फैसला सीधे तौर पर ग़रीबों के शिक्षा के अधिकार पर हमला है। ग्रामीण और गरीब इलाकों में कई परिवार ऐसे हैं जिनके लिए पास का सरकारी स्कूल ही एकमात्र विकल्प है। “ऐसे में स्कूलों को बंद करना या दूर ले जाना, इन बच्चों को स्कूल से दूर कर देना है। यह सामाजिक न्याय और समान शिक्षा के सिद्धांत के खिलाफ है।”
सरकार से अपील: फैसले पर पुनर्विचार करें
बीएसपी ने कहा है कि वह उत्तर प्रदेश सरकार से यह उम्मीद करती है कि वह गरीबों और आमजन की शिक्षा के हित में अपने निर्णय पर सहानुभूतिपूर्वक पुनर्विचार करेगी और गरीबों की शिक्षा से खिलवाड़ नहीं करेगी।