मुंबई। भारतीय शेयर बाजार में इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग्स (IPO) की रफ्तार जुलाई में तेज़ हो सकती है। इन्वेस्टमेंट बैंकरों के मुताबिक, भारतीय कंपनियां इस महीने IPO के ज़रिए करीब $2.4 अरब (लगभग ₹20,000 करोड़) जुटा सकती हैं, जो इस साल दिसंबर के बाद का सबसे मजबूत महीना होगा।
जून में भी $2 अरब से ज्यादा रकम IPOs के जरिए जुटाई गई थी, जिसमें से बड़ा हिस्सा HDB फाइनेंशियल सर्विसेज ने अकेले जुटाया था।
कौन-कौन सी कंपनियां ला रही हैं IPO?
इस महीने IPO लाने की तैयारी में जो कंपनियां शामिल हैं, उनमें प्रमुख हैं Credila Financial Services (शिक्षा लोन सेवा कंपनी) – करीब $584 मिलियन जुटाने की तैयारी, NSDL (नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड) $400 मिलियन जुटाने का अनुमान, Aditya Infotech (सर्विलांस टेक्नोलॉजी कंपनी), M&B Engineering (पावर ट्रांसमिशन उत्पाद निर्माता) ये सभी कंपनियां रोड शो कर रही हैं और बैंकरों के अनुसार इस महीने बाजार में उतर सकती हैं, हालांकि आधिकारिक तारीखें अभी सामने नहीं आईं।
2024 में रिकॉर्ड, 2025 की शुरुआत में झटका, अब पटरी पर लौटता बाजार
2024 में भारत ने IPO बाजार में $20.5 अरब जुटाकर अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा बाजार बनकर उभरा था। लेकिन 2025 की शुरुआत में अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर, पाकिस्तान और मिडिल ईस्ट में तनाव के चलते बाजार में अनिश्चितता आ गई। इसके कारण LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया जैसी बड़ी कंपनियों ने अपने IPO प्लान को टाल दिया था। अब Nifty 50 और Sensex फिर से 3% नीचे अपने पीक के करीब ट्रेड कर रहे हैं, जिससे निवेशकों में भरोसा लौटा है।
“IPO बाजार वापस आ चुका है। अब ज़्यादातर नकारात्मक फैक्टर खत्म हो गए हैं, यही बाजार को फिर से सक्रिय कर रहे हैं,”- सुरज कृष्णास्वामी, मैनेजिंग डायरेक्टर, AXIS Capital
भारत बना दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा IPO मार्केट है। LSEG डेटा के मुताबिक, 2025 में अब तक भारत में $5.86 अरब (करीब ₹49,000 करोड़) जुटाए जा चुके हैं, जो दुनियाभर के कुल IPO कलेक्शन का 12% हिस्सा है।
IPO पाइपलाइन में क्या है आगे?
LG Electronics India का $1.8 अरब का IPO, JSW Cement और SMPP (डिफेंस इक्विपमेंट मेकर) – दोनों के IPO करीब $470 मिलियन के JSW का IPO जुलाई के अंत या अगस्त की शुरुआत में आ सकता है।
PRIME Database के अनुसार, भारत में अभी 143 IPOs पाइपलाइन में हैं, जिनकी कुल वैल्यू करीब $26 अरब (₹2.1 लाख करोड़) है। इनमें से 73 को सेबी की मंजूरी मिल चुकी है। आने वाले महीने 2025 के सबसे बेहतरीन साबित हो सकते हैं,” – भावेश शाह, MD, Equirus
सावधानी भी जरूरी: हाई नेट वर्थ और रिटेल निवेशकों की भागीदारी थोड़ी कमजोर हैं हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि पिछले साल जैसी जबरदस्त भागीदारी इस बार नहीं दिख सकती।
“निवेशक अब कहीं ज्यादा सतर्क और सेलेक्टिव हो गए हैं। उन्हें अब सिर्फ वही IPO आकर्षित करते हैं, जिनमें रिटर्न की संभावना ज़्यादा दिखती है,”– उमेश अग्रवाल, फंड मैनेजर, 360 ONE Asset