नई दिल्ली। भारतीय नौसेना को मंगलवार को नया और आधुनिक स्टील्थ फ्रिगेट ‘उदयगिरि’ मिल गया। ये केवल एक युद्धपोत नहीं, बल्कि देश की युद्धपोत निर्माण क्षमता की 100वीं बड़ी उपलब्धि है। 37 महीने में तैयार हुआ यह जहाज पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक, डिज़ाइन और निर्माण पर आधारित है।
मुंबई के मज़गांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDSL) में बने इस जहाज को नौसेना के वारशिप डिज़ाइन ब्यूरो ने डिज़ाइन किया है। इसी के साथ यह प्रोजेक्ट 17A के तहत दूसरा स्टील्थ फ्रिगेट है। कुल सात फ्रिगेट बन रहे हैं, जिनमें पांच और आने वाले डेढ़ साल में तैयार हो जाएंगे।
उदयगिरि क्यों है खास?
76 mm गन, सुपरसोनिक मिसाइल, मीडियम रेंज एयर डिफेंस सिस्टम से लैस, डीज़ल और गैस इंजन वाली CODOG तकनीक से चलेगा, एक साथ सतह, हवा और समुद्र के नीचे से होने वाले हमलों का जवाब देने में सक्षम, 100% स्वदेशी हथियार और सेंसर लगे हैं, 200 से ज्यादा MSMEs का योगदान, Integrated Construction तकनीक से तैयार, जिससे निर्माण में समय की बचत है इसी कारण उदयगिरि खास है।
‘INS उदयगिरि’ की वापसी, अब नए अवतार में
पुराना ‘INS उदयगिरि’ 31 साल तक देश की सेवा करने के बाद 2007 में रिटायर हुआ था। अब उसी नाम से नया, ज़्यादा ताकतवर और स्टील्थ तकनीक से युक्त फ्रिगेट लौट आया है। नौसेना का दावा है कि “यह केवल एक जहाज नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की मिसाल है। इसके ज़रिए न सिर्फ तकनीकी मजबूती मिली है, बल्कि 4,000 लोगों को प्रत्यक्ष और 10,000 से अधिक को अप्रत्यक्ष रोज़गार भी मिला है।
कहां-कहां बन रहे बाकी 5 युद्धपोत?
मज़गांव डॉक (मुंबई) और गॉर्डन रीच शिपबिल्डर्स (कोलकाता) में निर्माण जारी है। 2026 के अंत तक सभी 7 P-17A फ्रिगेट्स नौसेना को मिल जाएंगे।
नौसेना अधिकारी बोले ‘उदयगिरि’ सिर्फ एक युद्धपोत नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, तकनीक और निर्माण क्षमता का प्रतीक है। इससे हमारी ब्लू वॉटर क्षमता को बड़ी मजबूती मिलेगी।
युद्धपोत डिज़ाइन में भारत अब आत्मनिर्भर
नौसेना की डिज़ाइन एजेंसी वारशिप डिज़ाइन ब्यूरो (पहले: डिपार्टमेंट ऑफ नेवल डिज़ाइन) अब देश में एयरक्राफ्ट कैरियर से लेकर सबमरीन तक के डिज़ाइन और निर्माण में पूरी तरह आत्मनिर्भर हो चुकी है।