महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में वैश्विक व्यापार, सप्लाई चेन संकट और अमेरिका-चीन संबंधों पर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि बदलते भूराजनैतिक हालात और बढ़ते संरक्षणवाद (Protectionism) के दौर में भारत एक नया अवसर तलाश सकता है — दुनिया के लिए वैकल्पिक सप्लाई चेन और निर्माण केंद्र के रूप में।
आनंद महिंद्रा ने कहा कि,“अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक दूरी बढ़ रही है। ऐसे में भारत खुद को एक भरोसेमंद वैकल्पिक केंद्र के रूप में स्थापित कर सकता है।”
अमेरिका-चीन तनाव का असर
महिंद्रा ने बताया कि अमेरिका में ट्रंप सरकार द्वारा शुरू किए गए टैरिफ (शुल्क) के चलते वैश्विक व्यापार धीमा पड़ा है। इसका असर सबसे अधिक कंज्यूमर गुड्स और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग पर पड़ा है, जो पूरी तरह से वैश्विक सप्लाई चेन पर निर्भर हैं।
भारत को क्यों मिल सकता है लाभ ?
महिंद्रा के मुताबिक—
- चीन की आक्रामक नीति के कारण कंपनियां विकल्प तलाश रही हैं।
- भारत में स्थिर लोकतंत्र, मजबूत सैन्य ताकत, और विश्वसनीय वैश्विक साझेदार की छवि है।
- विनिर्माण, अनुसंधान एवं नवाचार (R&D) में निवेश बढ़ सकता है।
- भारत को तेज़ी और चुस्ती से फैसले लेने होंगे क्योंकि वियतनाम और फिलीपींस जैसे देश भी इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
भारत के लिए Sunrise सेक्टर
आनंद महिंद्रा ने कहा कि कंपनियों को अपनी रणनीति भारत के राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप बनानी चाहिए।
रिन्यूएबल एनर्जी, डिफेंस, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सेक्टर भारत में भविष्य की नई संभावनाएं हैं।