Badaun Reservation Scam: उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवती ने आरक्षण का लाभ पाने के लिए तीन अलग-अलग जातियों के फर्जी प्रमाणपत्र बनवाए। आरोप है कि युवती ने ST, SC और OBC — तीनों वर्गों के सर्टिफिकेट दातागंज तहसील से जारी करवाए और उनका उपयोग VDO (ग्राम विकास अधिकारी) भर्ती परीक्षा में किया।
कहां से शुरू हुआ मामला?
बदायूं की उसहैत तहसील के नरपत नगला गांव की रहने वाली युवती प्रीति ने VDO भर्ती के लिए आवेदन किया था। लेकिन मामला तब उजागर हुआ जब उसके पूर्व प्रेमी ने सच्चाई उजागर कर दी और उसावां थाने में FIR दर्ज कराई।
आरोपियों की लिस्ट में परिवार भी शामिल
FIR में प्रीति, उसके पिता, भाई और दो अन्य के नाम शामिल हैं। आरोप है कि पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम देने में तहसील प्रशासन के कुछ अधिकारियों की भी भूमिका हो सकती है।
अब सवाल उठ रहा है कि कैसे एक ही व्यक्ति को अलग-अलग वर्गों के प्रमाणपत्र मिल गए? क्या तहसील स्तर पर बिना जांच के जाति प्रमाणपत्र जारी कर दिए जाते हैं?
सवालों के घेरे में प्रशासन
इस घोटाले के उजागर होने के बाद दातागंज तहसील के अधिकारियों की भूमिका जांच के दायरे में आ गई है। अगर जांच आगे बढ़ी तो इसमें कई राजस्व व लेखपाल अधिकारी, जाति प्रमाणपत्र सत्यापन कमेटी, और संभवतः कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों के नाम भी सामने आ सकते हैं।
यह मामला न सिर्फ एक व्यक्ति का अपराध है, बल्कि प्रशासनिक अनदेखी और सिस्टम की कमजोरी को उजागर करता है। अगर समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसे मामले न केवल भर्ती प्रणाली को अपवित्र करेंगे, बल्कि आरक्षण की विश्वसनीयता पर भी आंच लाएंगे।