भुवनेश्वर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा की एक विशाल जनसभा में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक निमंत्रण को अस्वीकार करने की बात साझा की, जो राजनीतिक और धार्मिक दोनों ही दृष्टिकोण से चर्चा का विषय बन गई है।
“अभी 2 दिन पहले मैं कनाडा में G7 समिट के लिए वहां था और अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने मुझे फोन किया। उन्होंने कहा, अब कनाडा तो आए ही हैं तो वॉशिंगटन होकर जाइए… उन्होंने बहुत आग्रह से निमंत्रण दिया। मैंने अमेरिका के राष्ट्रपति को कहा कि आपके निमंत्रण के लिए धन्यवाद, मुझे तो… pic.twitter.com/ZrwSyQvS4m
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) June 20, 2025
मोदी ने कहा, “अभी 2 दिन पहले मैं कनाडा में G7 समिट के लिए वहां था और अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने मुझे फोन किया। उन्होंने कहा, अब कनाडा तो आए ही हैं तो वॉशिंगटन होकर जाइए… उन्होंने बहुत आग्रह से निमंत्रण दिया। मैंने अमेरिका के राष्ट्रपति को कहा कि आपके निमंत्रण के लिए धन्यवाद, मुझे तो महाप्रभु की धरती पर जाना बहुत जरूरी है और इसलिए मैंने उनके निमंत्रण को नम्रता पूर्वक मना किया…”
प्रधानमंत्री का यह बयान दर्शकों की तालियों और जयघोष के बीच गूंज उठा। राजनीतिक विशेषज्ञ इसे आत्मनिर्भर भारत की विदेश नीति और भारत की सांस्कृतिक जड़ों के प्रति प्रतिबद्धता का संदेश मान रहे हैं।
मोदी का यह बयान उस समय आया है जब ओडिशा में चुनावी समीकरण फिर से बनते नज़र आ रहे हैं और भाजपा राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है।प्रधानमंत्री के इस बयान ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि उनके लिए धर्म, परंपरा और भारत की मिट्टी की महत्ता वैश्विक कूटनीतिक आमंत्रणों से भी बढ़कर है।