प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मंगलवार को करीब 35 मिनट लंबी फोन बातचीत हुई। यह संवाद ऐसे समय में हुआ जब G-7 समिट के लिए दोनों नेता कनाडा में मौजूद थे, लेकिन इजरायल-ईरान संघर्ष के चलते राष्ट्रपति ट्रंप को अचानक अमेरिका लौटना पड़ा, जिससे तय मुलाकात नहीं हो सकी।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी कि राष्ट्रपति ट्रंप के अनुरोध पर यह फोन कॉल हुआ। पीएम मोदी ने इस दौरान आतंकवाद पर स्पष्ट रुख रखते हुए कहा कि भारत अब इसे ‘प्रॉक्सी वॉर’ नहीं बल्कि ‘युद्ध’ मानकर कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र किया और बताया कि इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत की कार्रवाई बिल्कुल सटीक, सीमित और गैर-उत्तेजक थी।
प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने न तो कभी किसी मध्यस्थता को स्वीकार किया और न करेगा। भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य बातचीत दोनों देशों की सेनाओं के मौजूदा चैनलों से हुई और पाकिस्तान की पहल पर ही संघर्ष विराम लागू हुआ।
बातचीत में दोनों नेताओं ने इजरायल-ईरान संघर्ष, रूस-यूक्रेन युद्ध और इंडो-पैसिफिक में QUAD की भूमिका पर भी चर्चा की। पीएम मोदी ने ट्रंप को अगली क्वाड बैठक के लिए भारत आमंत्रित किया, जिसे ट्रंप ने स्वीकार कर भारत आने की इच्छा जताई।