पीलीभीत में डीएम संजय कुमार सिंह ने आवारा गौवंशों की समस्या से निपटने के लिए एक बेहतरीन और प्रभावी पहल शुरू की है। शासन के निर्देशों के तहत, इस रणनीति से न केवल गौवंशों को संरक्षण मिला है, बल्कि आम जनता को भी राहत मिल रही है।
किसानों के फ़सली नुकसान से लेकर हादसों पर लगेगी लगाम
ग्रामीणों का कहना है कि आवारा गौवंशों को संरक्षित करने के बाद यह समस्या अब बीते दिनों की बात बनने जा रही है। ज़िलाधिकारी संजय कुमार सिंह की दूरदर्शी योजना के तहत मनरेगा से 47 अतिरिक्त शेड बनाए गए हैं। 4 कान्हा गौशालाएं, पाँच अस्थायी और चार स्थायी गौशालाओं का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। इन गौशाला में आवारा जानवरों के पहुंचने से किसानों की फसल का नुकसान, हादसों पर रोक लगेगी जिससे लोगों का फायदा होगा ।
53 हेक्टेयर जमीन में चारे की व्यस्था हजारों गौवंशो का भरेगा पेट
उधर 53 हेक्टेयर भूमि में से 41 गौशालाओं के लिए विशेष रूप से चारे की व्यवस्था की गई है, ताकि इन पशुओं को पोषण की कोई कमी न हो।डीएम ने दो बार व्यापक अभियान चलाया, जिसमें करीब 3500 आवारा जानवरों को पकड़ा गया और सुरक्षित गौशालाओं में भेजा गया। यह कार्रवाई न केवल प्रशासन की गंभीरता को दर्शाती है, बल्कि आम नागरिकों को सड़कों पर घूमते आवारा जानवरों से बड़ी राहत भी मिली है।
सांडो को रखा जाएगा अलग, नस्ल सुधार पर होगा फोकस
वही सीडीओ के के सिंह ने बताया कि ज़िलाधिकारी संजय कुमार सिंह के निर्देश पर गौवशों को संरक्षित करने के लिए प्रभावी कदम उठाया गया है । इसमें दो गौशालाओं को नंदी विशेष गौशालाओं के रूप में विकसित किया जायेगा जहाँ केवल नंदी और बछड़े रखे जाएंगे। इससे प्रजनन नियंत्रण और बेहतर प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। डीएम की इस रणनीति से पीलीभीत में आवारा पशु संकट पर काफी हद तक काबू पाया गया है, और आने वाले समय में यह मॉडल मिसाल बन सकता है।